Highlights
- एक मेंढक केले के बैग में डोमिनिकन रिपब्लिक से इंग्लैंड आ गया।
- जांच के बाद पता चला कि यह पेड़ों पर रहने वाली प्रजाति का जीव है।
- इससे पहले एक गिलहरी ने भारत से स्कॉटलैंड तक का सफर किया था।
लंदन: छोटे-छोटे जीव जंतु भी कभी-कभी हजारों मील की यात्रा करके दूसरे देश पहुंच जाते हैं, भले ही उन्होंने वहां जाने के लिए वीजा या टिकट नहीं लिया हो। अभी हाल ही में हमने आपको एक ऐसी गिलहरी के बारे में बताया था जो पानी के जहाज पर सवार होकर भारत से स्कॉटलैंड पहुंच गई थी। ताजा मामला एक मेंढक से जुड़ा है, जो केले के बैग में डोमिनिकन रिपब्लिक से इंग्लैंड पहुंच गया। खास बात यह है कि कई दिनों तक प्लास्टिक बैग में रहने के बाद भी मेंढक बिल्कुल मजे में था।
‘केलों के बैग में मेंढक भी आ गया था’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के स्टैफर्डशर के टैमवर्थ में रहने वाले एक परिवार ने जानवरों के कल्याण से जुड़ी संस्था RSPCA को अपने केले के बैग में मेंढक होने की जानकारी दी थी। जब संस्था के कर्मचारी उनके घर पहुंचे तो पाया कि एस्डा स्टोर से जो केले उन्होंने खरीदे थे, उसमें केलों के साथ मेंढक भी था। लेन होलोवे नाम के शख्स ने बताया कि हम किचन में स्टोर से खरीदे गए सामान को रख रहे थे कि मेरी पत्नी ने कहा, 'देखो, केले के बैग में मेंढक भी है।'
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मेंढक ने किया 7000 किमी का सफर
होलोवे ने कहा कि मैं अपनी पत्नी की बात सुनकर पहले तो चौंक गया। उन्होंने कहा कि थोड़ी-बहुत ऑनलाइन रिसर्च के बाद मैंने पाया कि वह पेड़ों पर रहने वाला 1.5 इंच का मेंढक है जो डोमिनिकन रिपब्लिक में पाया जाता है। होलोवे ने जो केले खरीदे थे वे भी डोमिनिकन रिपब्लिक से ही आए हुए थे। होलोवे ने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि यह छोटा सा जीव इतनी दूर सफर करके यहां तक पहुंच गया। बता दें कि डोमिनिकन रिपब्लिक से इंग्लैंड की दूरी करीब 7 हजार किलोमीटर है।
प्लास्टिक बैग में रहने के बावजूद स्वस्थ था मेंढक
RSPCA से जुड़े एक कर्मचारी ने बताया कि मेंढक के बारे में सूचना मिलने के बाद वह उनके घर पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि वह नन्हा सा मेंढक काफी तेज था और इतने दिन बैग में रहने के बावजूद बिल्कुल स्वस्थ था। कर्मचारी ने कहा कि होलोवे के परिवार ने अच्छा कि था कि इस मेंढक को छुआ नहीं था, क्योंकि कई बार पता नहीं होता कि हमारे सामने जो जीव है उसका स्वभाव कैसा है। बता दें कि दुनिया में मेंढकों की कई प्रजातियां काफी जहरीली होती हैं।
गिलहरी ने किया था भारत से स्कॉटलैंड तक का सफर
बता दें कि इससे पहले एक गिलहरी पानी के जहाज पर सवार होकर भारत से स्कॉटलैंड पहुंच गई थी। 'Deep Explorer' नाम के जहाज के क्रू मेंबर ने गिलहरी को भारत से स्कॉटलैंड की अपनी 3 हफ्ते की यात्रा के दौरान पकड़ा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहाज के क्रू मेंबर्स ने गिलहरी का अच्छी तरह ख्याल रखा और उसे अंगूर वगैरह खिलाते रहे। गिलहरी को जहाज पर काम कर रहे लोगों ने पहले ही देख लिया था लेकिन वह इतनी तेज थी कि उसे पकड़ने में थोड़ा वक्त लग गया।