France: फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों अपनी अलग ही स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो काफी चर्चा में है। इस वीडियो में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों महज 17 सेकंड में पूरी बोतल को गटक जाते हैं। इसी वीडियो की वजह से वह विवादों में आ गए हैं। विपक्षी दल ने उनके इस कृत्य पर निशाना साधा है। विपक्ष ने उनके अधिक मात्रा में शराब पीने और ‘जहरीली मर्दानगी‘ की विचारधारा से ग्रसित करार दे रहे हैं।
यह वायरल वीडियो एक रग्बी मैच के बाद का है। इसमें राष्ट्रपति मैक्रों के साथ टीम के कोचिंग स्टाफ और बाकी खिलाड़ी भी मौजूद हैं। ये सभी खिलाड़ी वहां उपस्थित मैक्रों का उत्साह बढ़ाते नजर आ रहे हैं।
ग्रीन पार्टी के एक सांसद सैनड्रिन रूसो ने ट्वीटर पर लिखा कि ‘एक ही फोटो में राजनीतिक नेतृत्व में मौजूद जहरीली मर्दानगी।‘ मैंक्रो की सेंट्ररिस्ट पार्टी के सांसद जीन रेने कैजेन्यूवे ने रूसो को जवाब दिया। उन्होंने लिखा, ‘एक राष्ट्रपति जो 23 खिलाड़ियों की खुशी में शामिल हो रहा है और उनकी परंपराओं का हिस्सा बना है। यह बस इतना ही है।‘
हालांकि मैक्रों के बारे में यह माना जाता है कि वे खेलप्रेमी हैं। कई बार उन्हें अपने देश फ्रांस की फुटबॉल टीम का समर्थन करते और खिलाड़ियों को प्रेरित करतें देखा गया हैै। वहीं कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मैक्रों के इस बर्ताव की आलोचना की। उनका कहना है कि वे फ्रांस के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर काबिज हैं। ऐसे में मैंक्रो को एक रोल मॉडल के रूप में अच्छा उदाहरण स्थापित करना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस घटना का मैंक्रो की पब्लिक इमेज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आम लोगों से कटे कटे रहने की है छवि
अक्सर मैक्रों पर यह आरोप लगते हैं कि वह आम लोगों से कटे रहते हैं। इसकी वजह से उन्हें खासी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। इस साल मैंक्रो की लोकप्रियता उनकी कुछ अलोकप्रिय नीतिगत निर्णयों के कारण निचले स्तर पर पहुंच गई है। पिछले कुछ वर्षों में फ्रांस में एल्कोहल की खपत में कमी आई है। मगर फिर भी इसके अत्यधिक सेवन से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं।
अमेरिका पर बयान से आए थे चर्चा में
फ्रांस के राष्ट्रपति कुछ समय पहले चीन की यात्रा पर गए थे। इसके बाद अमेरिका के बारे में उनके वक्तव्यों ने उनकी ओर दुनिया का ध्यान खींच लिया था। मैक्रों ने कहा था कि यूरोपीय देशों को अमेरिका की हां में हां नहीं करना चाहिए। अमेरिका का पिछलग्गू बनने से कोई फायदा नहीं होगा।