Highlights
- फ्रांस में भारी विरोध प्रदर्शन
- मैक्रों के खिलाफ सड़कों पर लोग
- महंगाई से परेशान हुई जनता
France Protests: फ्रांस में राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। लोगों में बढ़ती महंगाई को लेकर भारी गुस्सा है। तीन हफ्तों से जारी हड़ताल के चलते लोगों को ईंधन की दिक्कत हो रही है। रविवार को हुए इन प्रदर्शनों का नेतृत्व वामपंथी राजनीतिक पार्टी और फ्रांस अनबोड पार्टी के प्रमुख जीन-ल्यूक मेलेनकॉन ने किया था। लोगों ने बढ़ती महंगाई को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। प्रदर्शन का आयोजन करने वालों ने महंगाई के साथ ही जलवायु परिवर्तन का मुद्दा भी उठाया है।
इन्होंने सरकार से मांग की कि जलवायु संकट से बचावे के लिए भारी निवेश किया जाए। इन्होंने कहा कि सरकार को सामान के बढ़ते दाम से बचाव के लिए आपातकालीन उपाय अपनाने चाहिए। जिसमें ऊर्जा की कीमत, जरूरती सामान के दान और किराया आदि शामिल हैं। कुछ प्रदर्शनकारी पीले रंग की जैकेट पहनकर आए थे। जो साल 2018 में अक्सर हिंसक सरकार विरोधी विरोधों का प्रतीक रही है। जिसने मैक्रों की व्यापार-समर्थक सेंट्रिस्ट सरकार को हिलाकर रख दिया था। यातायात हड़ताल की वजह से लोगों को खासा दिक्कतें आ रही हैं।
140,000 लोगों ने लिया हिस्सा
मेलेनकॉन ने भीड़ के बीच मौजूद एक ट्रक के ऊपर खड़े होकर कहा, 'हमने इन हफ्तों में जो कुछ देखा है, वह अक्सर देखने को नहीं मिलता है। हर चीज एक साथ हो रही है। हमने मार्च में ये विरोध शुरू किया था, जिसे अब तक बड़ी सफलता मिली है।' प्रदर्शनों का आयोजन करने वालों ने कहा कि रविवार की रैली में 140,000 लोगों ने हिस्सा लिया है। इससे पहले पुलिस ने अनुमान लगाया था कि 30,000 लोग ही रैली में आएंगे। प्रदर्शनों में मेलेनकॉन का साथ फ्रांसीसी लेखिका एनी एर्नोक्स ने भी दिया। जिन्होंने इस साल साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीता है। मेलेनकॉन ने कहा कि मैक्रों का नेतृत्व देश को अराजक्ता की तरफ लेकर जा रहा है।
मैक्रों की सरकार संसद में खतरे में है। यहां उसने जून में बहुमत खो दिया था। इससे उनके सेंट्रलिस्ट गठबंधन के लिए मजबूत विरोधियों के खिलाफ अपने घरेलू एजेंडे को लागू करना बहुत कठिन हो रहा है और अगले साल के लिए सरकार की बजट योजना की संसदीय चर्चा विशेष रूप से कठिन साबित हो रही है। सभी ने नहीं लेकिन कई फ्रेंच यूनियनों ने मंगलवार को हड़ताल करने के लिए राष्ट्रीय दिवस घोषित किया है। जिससे यातायात, ट्रेन और पब्लिक सेक्टर प्रभावित होगा।
सरकार हड़तालों और प्रदर्शनों पर करीब से नजर बनाए हुए है। सरकार द्वारा हड़तालों और विरोधों पर करीब से नजर रखी जा रही है, जिसका लक्ष्य अगले कुछ महीनों में पेंशन प्रणाली में अत्यधिक विवादास्पद बदलाव को आगे बढ़ाना है। अप्रैल में फिर से चुनाव जीतने वाले मैक्रों ने सर्दियों के अंत से पहले निर्धारित सुधार के साथ सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने की बात कही है।