पेरिस: युद्ध की त्रासदी झेल रहे लेबनान की मदद के लिए फ्रांस आगे आया है। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को लेबनान की बड़ी मदद करने का ऐलान किया है। उन्होंने यहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि उनका देश लेबनान की मदद के लिए 10 करोड़ यूरो (10.8 करोड़ डॉलर) का सहायता पैकेज देगा। मैक्रों ने कहा कि लेबनान के लोगों के लिए तत्काल व्यापक सहायता की जरूरत है, जिनमें युद्ध से विस्थापित हुए हजारों लोग तथा उन्हें शरण दे रहे समुदाय दोनों शामिल हैं।
बता दें कि हमास पर हमले के खिलाफ ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने भी इजरायल से जंग पाल लिया था। इसके बाद हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और फिर उसका उत्तरवर्ती हाशिम सफीद्दीन को भी इजरायली सेना ने हवाई हमले में ढेर कर दिया। हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच युद्ध के कारण लेबनान में दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं लगातार लेबनान में इजरायली सेना के हमलों के चलते 2,500 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे आर्थिक संकट भी गहरा गया है।
संयुक्त राष्ट्र ने की थी लेबनान की मदद की अपील
संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए 42.6 करोड़ डॉलर की सहायता की जरूरत बताई है। हालांकि फ्रांस से पहले भारत लेबनान को 33 टन राहत सामग्री भेज चुका है। वहीं इटली ने इस सप्ताह लेबनान को एक करोड़ यूरो की नयी सहायता देने की घोषणा की थी। इसके बाद अब जर्मनी ने बुधवार को लेबनान में लोगों की सहायता के लिए छह करोड़ यूरो की सहायता देने का वादा किया था। मैक्रों ने लेबनान में सैन्य अभियान जारी रखने के लिए इजरायल की निंदा की। लेबनान की संप्रभुता को बहाल करने और इसकी संस्थाओं को मजबूत करने में भी फ्रांस मदद करना चाहता है।
इजरायल के खिलाफ फ्रांस सख्त
लेबनान में जारी हमलों के चलते फ्रांस ने इजरायल के खिलाफ काफी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। पिछले कुछ सप्ताह में मैक्रों इजराइल के खिलाफ अपना रुख कड़ा करते हुए दिखाई दिए हैं। वह लेबनान और गाजा दोनों जगह संघर्ष विराम का आह्वान कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर हुई बातचीत में अपना रुख दोहराया। मैक्रों ने दक्षिण लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों को भी जानबूझकर निशाना बनाए जाने के लिए इजराइल की कड़ी निंदा की है। हालांकि इजराइल ने इस बात का खंडन किया है। (भाषा)