कीवः यूक्रेन की आजादी के बाद से भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार कीव की धरती पर पहुंचने का इतिहास बनाया। अमेरिका से लेकर यूरोप तक ने पीएम नरेन्द्र मोदी की इस यूक्रेन यात्रा का स्वागत भी किया। मगर कुछ विदेशी मीडिया ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाने के बाद जेलेंस्की से भी पीएम मोदी के मिलने के उसी अंदाज को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। इस पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐसा जवाब दिया कि जिसे सुनकर आप भी निहाल हो जाएंगे। जयशंकर के जवाब ने विदेशी मीडिया की बोलती ही बंद कर दी।
बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पहले उनसे हाथ मिलाया और फिर तुरंत उन्हें गर्मजोशी से गले लगा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की के कंधे पर भी बड़े भाई की तरह हाथ रखा और उन्हें उनके साथ हर मुश्किल में खड़े होने का भरोसा दिलाया। मगर विदेशी मीडिया ने पीएम मोदी के पुतिन और जेलेंस्की से एक ही अंदाज में मिलने को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। सवाल इसलिए भी खड़ा हुआ कि पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान पुतिन से गले मिलने पर जेलेंस्की ने भी नाराजगी जाहिर की थी। लिहाजा विदेशी मीडिया ने भी भारत से सवाल पूछ लिया।
जयशंकर ने दिया ऐसा कड़ा जवाब
पुतिन और जेलेंस्की को एक ही अंदाज में गले लगाने के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने ऐसा कड़ा और शानदार जवाब दिया कि हर कोई हक्का-बक्का रह गया। जयशंकर ने कहा कि गले लगाना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी ने सिर्फ पुतिन या जेलेंस्की को ही गले लगाया है। विश्व के अन्य किसी भी नेता से भी प्रधानमंत्री मोदी अपने इसी अंदाज में मिलते हैं। इसके बाद विदेशी मीडिया ने चुप्पी साध ली। बता दें कि युद्धग्रस्त देश के शीर्ष नेता को गले लगाने के बमुश्किल छह सप्ताह पहले मोदी ने यूक्रेन के कट्टर दुश्मन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को इसी तरह गले लगाया था।
जयशंकर ने कहा गले लगाना हमारी संस्कृति का हिस्सा
मोदी-जेलेंस्की वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर से ‘गले मिलने’ के बारे में सवाल पूछा गया था। इस सवाल का उद्देश्य पहले पुतिन और अब जेलेंस्की के साथ मोदी की मुलाकात के बीच संबंधों पर प्रतिक्रिया मांगना था। जयशंकर ने एक पश्चिमी पत्रकार के एक विशिष्ट प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘दुनिया के हमारे हिस्से में जब लोग मिलते हैं, तो वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं, यह आपकी संस्कृति का हिस्सा नहीं हो सकता है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
वास्तव में आज, मुझे लगता है, मैंने देखा, प्रधानमंत्री (मोदी) ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की को गले लगाया।’’ पत्रकार ने अपने सवाल में कहा था कि कुछ सप्ताह पहले मोदी द्वारा पुतिन को गले लगाने के बारे में इसी तरह उल्लेख किया गया था। जयशंकर ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें कई अन्य स्थानों पर कई अन्य नेताओं के साथ ऐसा करते देखा है। इसलिए, मुझे लगता है, इन शिष्टाचारों के अर्थ के संदर्भ में हमारे यहां थोड़ा सा सांस्कृतिक अंतर है। (भाषा)