Thursday, November 21, 2024
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ब्रिटेन में भी 'डीपफेक' का खौफ, साइबर सिक्योरिटी ने क्यों बताया इसे खतरनाक?

'डीपफेक' की चर्चा केवल भारत में ही नहीं है। अब इस एआई टेक्नोलॉजी का खौफ ब्रिटेन में भी देखा जा रहा है। ब्रिटिश साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा है कि डीपफेक का इस्तेमाल अगले इलेक्शन के लिए खतरे का सबब हो सकता है।

Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: November 14, 2023 18:08 IST
ब्रिटेन में भी 'डीपफेक'  का खौफ- India TV Hindi
Image Source : FILE ब्रिटेन में भी 'डीपफेक' का खौफ

Britain News: 'डीपफेक' को लेकर भारत में इन दिनों काफी चर्चा है। भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के 'डीपफेक' फोटो को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इसमें गलत तरीके से रश्मिका मंदाना को पेश किया गया है। 'डीपफेक' का खतरा भारत में ही नहीं, ब्रिटेन में भी देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार ब्रिटेन के साइबर सुरक्षा केंद्र ने ‘डीपफेक’ एआई के इस्तेमाल को अगले चुनाव के लिए खतरा बताया है।

ब्रिटेन की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) ने देश के अगले राष्ट्रीय चुनाव के लिए एक खतरा पेश किया है। शत्रु देशों के साइबर हमले बढ़ रहे हैं और उनका पता लगा पाना मुश्किल हो रहा है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने कहा, ‘इस साल राज्य से जुड़े तत्वों को बिजली, पानी और इंटरनेट नेटवर्क जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सेवाओं के प्रति नये साइबर खतरे के रूप में उभरते देखा गया है।’

रूसी भाषी अपराधियों की ओर से बड़ा खतरा

यह केंद्र ब्रिटेन की साइबर जासूसी एजेंसी, सरकारी संचार मुख्यालय का हिस्सा है। इसने अपनी वार्षिक समीक्षा में कहा, ‘‘राज्य से जुड़े तत्वों के रूप में साइबर शत्रुओं के एक नये वर्ग का उभरना, जो यूक्रेन पर रूस के हमले से अक्सर सहानुभूति रखते हैं, वित्तीय रूप से प्रेरित होने के बजाय वैचारिक है।’’ इसने कहा कि राज्य से जुड़े समूह रूसी भाषी अपराधियों की ओर से एक बड़ा खतरा पेश कर रहे हैं और वे ब्रिटिश कंपनियों पर साइबर हमले कर रहे हैं।

'डीपफेक' को ब्रिटिश साइबर क्राइम केंद्र ने चुनौती बताया

साइबर सुरक्षा केंद्र ने ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों एमआई5 और एमआई6 की चेतावानियों से सहमति जताते हुए कहा कि इसने (केंद्र ने) चीन के एक प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में उभरने को ब्रिटेन की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बताया है। इसने कहा कि हालांकि, ब्रिटेन में मतदान की पुरानी शैली की पद्धति में हैकरों को सेंध लगाने में मुश्किल होगी। इस पद्धति में पेंसिल और कागज का इस्तेमाल किया जाता है। इसने कहा कि लेकिन ‘डीपफेक‘ वीडियो और ‘बोट्स’ चुनाव प्रचार के दौरान आसानी से गलत सूचना फैलाएंगे। 

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