ब्रसेल्स: रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के लिए बड़ी मदद का ऐलान किया है। इससे हताश राष्ट्रपति जेलेंस्की का चेहरा फिर से खिल उठा है। इससे पहले यूरोपीय संघ से जेलेंस्की ने कई बार मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन यूरोपीय संघ के देशों ने आगे सहायता देने में असमर्थता जाहिर कर दी थी। इसके बाद अमेरिका मदद को आगे आया था। रूस से युद्ध लड़ते जेलेंस्की के हथियार खत्म हो चुके हैं। ऐसे वक्त में अब यूरोपीय संघ ने यूक्रेनी सेना को 50 अरब यूरो डॉलर की मदद का ऐलान किया है।
परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल का कहना है कि यूरोपीय संघ के 27 देशों ने अपने नेताओं के एक घंटे के शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन को सहायता पैकेज देने संबंधी एक समझौते पर मुहर लगाई है। हंगरी द्वारा इस कदम को ‘वीटो’ करने की धमकी के बावजूद यह मंजूरी दी गई है। मिशेल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यूरोपीय संघ के 27 देशों के नेता ईयू बजट के तहत यूक्रेन के लिए अतिरिक्त 50 अरब यूरो (54 अरब अमेरिकी डॉलर) के समर्थन पैकेज पर सहमत हुए। इससे यूक्रेन को बड़ी संजीवनी मिल गई है।
यूक्रेन की मदद करते यूरोपीय संघ भी हो गया खाली
यूक्रेन की 2 वर्षों से मदद करते-करते यूरोपी संघ के देशों के हथियार भंडार भी खाली होने लगे। लिहाजा यूरोपी संघ के देशों ने मदद से हाथ खड़े कर दिए थे। मगर अब आखिरी वक्त में यूक्रेन की मदद करने का फैसला करके जेलेंस्की के हौसले को फिर बढ़ा दिया है। ’’ दिसंबर में और ब्रसेल्स में बृहस्पतिवार के शिखर सम्मेलन से पहले हंगरी की कड़ी आपत्तियों के बावजूद यह घोषणा की गई। मिशेल ने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि ‘‘यूरोपीय संघ यूक्रेन के समर्थन में अपना नेतृत्व और जिम्मेदारी निभा रहा है, हम जानते हैं कि क्या दांव पर लगा है। (एपी)
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