Highlights
- काला सागर और आजोव सागर कर्च जलडमरूमध्य में बना है पुल
- साल 2018 में 19 किलोमीटर लंबे पुल को आमजन के लिए खोला गया था
- रूस को क्रीमिया से जोड़ता है दो सागरों पर बना यूरोप का सबसे लंबा पुल
Russia-Ukraine War: रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ने वाले यूरोप के सबसे लंबे पुल को विस्फोट के जरिये उड़ा दिया गया है। हालांकि इस पुल को उड़ाने की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। काला सागर और आजोव सागर को जोड़ने वाले यूरोप के सबसे लंबे इस पुल को तोड़ दिए जाने से अब रूस और यूक्रेन युद्ध घातक मोड़ पर पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि रूस इसी पुल के जरिये यूक्रेन से लड़ने के लिए युद्ध सामग्री भेजता था। मगर शनिवार को विस्फोट होने के बाद इस पुल में भीषण आग लग गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पुल आंशिक रूप से ढह गया। रूसी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
19 किलोमीटर लंबा है पुल
क्रीमिया के जरिए ही रूस यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में युद्ध के लिए साजो-सामान भेजता है। क्रीमिया प्रायद्वीप की रूस समर्थित क्षेत्रीय संसद के अध्यक्ष ने इसके लिए यूक्रेन पर आरोप लगाया है, हालांकि रूस ने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। यूक्रेनी अधिकारी समय-समय पर इस पुल पर हमला करने की धमकी देते रहे हैं और कुछ ने इस हमले की सराहना भी की है, लेकिन यूक्रेन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी समिति ने बताया कि ट्रक में रखा बम फटने से ईंधन ले जा रही ट्रेन की सात बोगियों में आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप “पुल के दो हिस्से आंशिक रूप से ढह गए।” काला सागर और आजोव सागर को जोड़ने वाले कर्च जलडमरूमध्य में साल 2018 में यह 19 किलोमीटर (12-मील) का पुल खोला गया था। यह यूरोप में सबसे लंबा पुल है। इसे बनाने में 3.6 अरब डॉलर का खर्च आया था।
2014 में रूस ने क्रीमिया को छीन लिया था
रूस ने साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर यूक्रेन से क्रीमिया को छीन लिया था और फिर इस पुल का निर्माण कराया था। क्रीमिया प्रायद्वीप रूस के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखता है और यह दक्षिण में उसके सैन्य अभियानों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यदि पुल को बंद कर दिया जाता है, तो इससे क्रीमिया तक साजो-सामान भेजना और मुश्किल हो जाएगा। रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि क्रीमिया के पास 15 दिन के लिए पर्याप्त ईंधन है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्टॉक फिर से भरने के तरीकों पर काम कर रहा है। अधिकारियों ने अगली सूचना तक पुल पर यात्री ट्रेनों की आवाजाही को निलंबित कर दिया गया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को विस्फोट के बारे में जानकारी दे दी गई है और उन्होंने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक सरकारी समिति बनाने का आदेश दिया है।
यूक्रेन ने पुल को उड़ाने के आरोपों को नकारा
क्रीमिया की रूस समर्थित क्षेत्रीय संसद के अध्यक्ष ने विस्फोट के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार बताया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पुल को कम नुकसान पहुंचा है और तुरंत इसकी मरम्मत की जाएगी। क्रीमिया की संसद ‘स्टेट काउंसिल ऑफ द रिपब्लिक’ के अध्यक्ष व्लादिमीर कोन्स्टेंटिनोव ने टेलीग्राम ऐप पर यूक्रेन के बारे में कहा, “अपने 23 साल के शासन में उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं बनाया जिसपर ध्यान दिया जा सके, लेकिन वे रूसी पुल को नुकसान पहुंचाने में कामयाब रहे हैं।” यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की पार्टी के सांसद ने शनिवार को इस दावे को खारिज कर दिया कि घटना के पीछे यूक्रेन का हाथ है। उन्होंने इसे क्रीमिया पर नियंत्रण करने और इसे रूसी मुख्यभूमि से मिलाने के रूस के प्रयासों का परिणाम करार दिया। ‘सर्वेंट ऑफ द पीपुल्स पार्टी’ के नेता डेविड अराखामिया ने टेलीग्राम पर लिखा, “रूस का अवैध निर्माण ढहना शुरू हो रहा है और आग लग रही है।
पुतिन के जन्मदिन पर ढहा पुल
डेविड ने कहा कि यदि आप कोई विस्फोटक बनाते हैं, तो देर-सबेर वह आप पर भी फट ही जाएगा। और यह सिर्फ शुरुआत है।” यूक्रेन के अन्य अधिकारियों ने इस घटना पर खुशी जताई है। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा परिषद के सचिव, ओलेक्सी डैनिलोव ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें बाईं ओर पुल पर आग लगने की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं तो दूसरी ओर मर्लिन मुनरो का प्रसिद्ध गीत “हैप्पी बर्थडे मिस्टर प्रेसिडेंट” चल रहा है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार यानी सात अक्टूबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जन्मदिन था। वहीं, जेलेंस्की के एक सलाहकार, मिखाइलो पोडोलीक ने ट्वीट किया: “क्रीमिया, पुल, शुरुआत। अवैध रूप से बनाया गया सब कुछ नष्ट हो जाएगा, चोरी की गई हर चीज यूक्रेन को वापस करनी पड़ेगी, रूस के कब्जे वाली हर चीज को छुड़ाना है।” मॉस्को में, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि “नागरिक बुनियादी ढांचे के ढहने पर यूक्रेन सरकार की प्रतिक्रिया इसकी आतंकवादी प्रकृति को दर्शाती है।”