Highlights
- हीटवेव की मार और गर्मी झेल रहा है यूरोप
- ब्रिटेन बन रहा है हीटवेव का केंद्र
- यूरोप में गर्मी से मर रहे हैं लोग
Heatwave: यूरोप जिसे पूरी दुनिया में वहां पड़ने वाली सर्दी के लिए जाना जाता है, वह इस वक्त हीटवेव की मार और गर्मी झेल रहा है। मंगलवार को ब्रिटेन में पहली बार 40 डिग्री से अधिक तापमान दर्ज किया गया। वहीं सोमवार को स्पेन में लगभग 43 डिग्री तापमान रहा। एक तो बढ़ती गर्मी ऊपर से फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन और ग्रीस के जंगलों में लगी आग ने यूरोप के तापमान को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन बहुत जल्द सबसे गर्म दिनों का सामना करने वाला है। अब सवाल उठता है कि आखिरकार यूरोप इतनी भीषण गर्मी का सामना क्यों कर रहा है?
गर्म हवाएं यूरोप के लिए बनती जा रही हैं मुसीबत
यूरोपीय देशों में बढ़ने वाली गर्मी का एक सबसे बड़ा कारण गर्म हवाएं हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब गर्म हवाएं पहले के मुकाबले ज्यादा चल रही हैं। इसके साथ ही इनके तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा खतरनाक बात यह है कि यह हवाएं अब लंबे समय तक यूरोप में बनी रहती हैं जिसकी वजह से इन ठंडे यूरोपीय देशों का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि यह गर्म हवाएं केवल यूरोप में चल रही हैं, दुनिया के बाकी देश भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। लेकिन अन्य देशों के मुकाबले यूरोप में इन गर्म हवाओं की इंटेंसिटी और उनके रहने का समय ज्यादा है, जिसकी वजह से यूरोपीय देश इन हीट वेव्स से ज्यादा परेशान हैं।
कहां से आ रही हैं ये गर्म हवाएं
यूरोपीय देशों को सबसे ज्यादा गर्म कर रही हैं उत्तरी अफ्रीका से यूरोप की ओर चलने वाली हवाएं। अफ्रीकी महाद्वीप से चलने वाली गर्म हवाएं यूरोपीय देशों में लंबे समय तक बनी रहती हैं, जिसकी वजह से वहां का तापमान बढ़ रहा है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की समुद्री हवाएं भी जो सामान्यतः गर्म होती हैं, वह यूरोप का तापमान बढ़ा रही हैं। बीते चार दशकों में यूरोप में हीटवेव की घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं।
लोग अपना घर छोड़कर जा रहे हैं
बढ़ती गर्मी के बीच यूरोप के जंगलों में लगने वाली आग के कारण भारी मात्रा में लोग अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही के दिनों में यूरोपीय देशों के जंगलों में लगने वाली आग के कारण लगभग 30 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों को छोड़ कर चले गए।
गर्मी से हो रही मौतें
यूरोपीय देशों में गर्मी कितनी भयावह हो गई है, उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अब वहां इस गर्मी की वजह से मौतें भी होने लगी हैं। स्पेन और पुर्तगाल के हालात सबसे ज्यादा डराने वाले हैं, बताया जा रहा है कि यहां गर्मी की वजह से लगभग 748 लोगों की मौत हो गई है। यूके में हालात इतने खराब हो गए हैं कि अधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों से कहा है कि वह अपने घरों में रहें।
कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकता है इंसानी शरीर
हमने कई बार सुना है कि भीषण गर्मी से या फिर लू लगने से किसी की मौत हो गई। लेकिन हमारा शरीर कितनी गर्मी झेल सकता है यह जानना भी जरूरी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इंसानी शरीर किस हद तक गर्मी बर्दाश्त कर सकता है, इसका सीधा जवाब नहीं हो सकता। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि बाहर गर्मी या सर्दी चाहे जितनी हो हमारे शरीर के अंदर का तंत्र बॉडी टेंपरेचर को 37.5 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखने के लिए काम करता है। इस टेंपरेचर को मैनेज करता है हमारे दिमाग के पीछे का एक हिस्सा, जिसे हाइपोथैलेमस कहते हैं।
इंसानी शरीर 37.5 डिग्री सेल्सियस पर काम करने के लिए बना है, इससे दो-चार डिग्री ऊपर या फिर दो चार डिग्री नीचे के तापमान को एडजस्ट करने में शरीर को तकलीफ होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तापमान धीरे-धीरे बढ़े तो शरीर उसे बर्दाश्त करने के लिए फिर भी तैयार रहता है, लेकिन जब तापमान अचानक से बढ़ जाता है तो शरीर के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती है।