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Europe Heatwave: भीषण गर्मी के चलते पिघल रहे रनवे, जीवन अस्त-व्यस्त, आखिर किन कारणों से यूरोप का मौसम इतना जानलेवा बना हुआ है?

लंदन में ट्रेनें 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। मंगलवार को इनमें से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और कुछ स्थानों पर इनकी गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक किया गया।

Written By: Shilpa
Updated on: July 20, 2022 15:42 IST
Heatwave in Europe- India TV Hindi
Image Source : PTI Heatwave in Europe

Highlights

  • यूरोप के जंगलों में लग रही है भीषण आग
  • कई देशों में पड़ रही भीषण गर्मी
  • बुनियादी ढांचा भी गर्मी की चपेट में आया

Europe Heatwave: इस समय ब्रिटेन सहित यूरोप के कई देशों में जानलेवा गर्मी पड़ रही है। बीते एक हफ्ते से यूरोप के दक्षिण पश्चिम हिस्सों में जंगलों की आग के कारण तापमान कई गुना तक बढ़ गया है। आंकड़े बताते हैं कि यूरोप में गर्मियों का यह मौसम अनुमान से कई गुना ज्यादा गर्म है। जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई है और बहुत से लोग बीमार पड़ गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यूरोपीय देशों के तापमान की तुलना भारत से करें, तो यह तापमान काफी ज्यादा है। क्षेत्र में इस वक्त जितनी गर्मी पड़ रही है, उतनी भारत ने बीते एक दशक में भी नहीं देखी है। 

यहां पड़ रही गर्मी सिर्फ लोगों के लिए ही नहीं बल्कि बुनियादी ढांचे के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। मंगलवार को ब्रिटेन में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जबकि दूसरे कई स्थानों में तापमान में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। हालात इतने खराब हैं कि ब्रिटेन में रनवे तक पिघलने लगे है। लंदन से करीब 50 किलोमीटर दूर ल्यूटन एयरपोर्ट पर सोमवार को भीषण गर्मी के कारण रनवे का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद उड़ानें रोकनी पड़ीं। इस बात की जानकारी एयरपोर्ट ने खुद ट्वीट करके दी है। 

ट्रेनों की रफ्तार कम की गई

एयरपोर्ट प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि बहुत अधिक तापमान के कारण रनवे की सतह पर कुछ समस्याएं देखी गई हैं। उसका कुछ हिस्सा ऊपर की तरफ चला गया। लंदन में सोमवार को भी बहुत अधिक तापमान दर्ज किया गया है। कुछ घंटों के बाद एयरपोर्ट का संचालन शुरू किया गया। सोमवार को लंदन के मिडलैंड्स रेलवे की ओर से लोगों को अपने घरों से न निकलने की चेतावनी भी दी गई। रेलवे ने अपनी चेतावनी में कहा कि ट्रैक हवा से 20 डिग्री ज्यादा गर्म है, यानी अगर तापमान बढ़ता है तो यह चपटा होकर मुड़ जाएगा। लंदन में ट्रेनें 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। मंगलवार को इनमें से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और कुछ स्थानों पर इनकी गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक किया गया।

ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स ने इस स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है, 'सड़कें और रनवे पिघलने लगे हैं और रेल नेटवर्क भी लड़खड़ाने के कगार पर है। यह बुनियादी ढांचा इस तापमान के लिए तैयार नहीं था।' मैसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि पहली बार पूर्वी इंग्लैंड के कोनिन्ग्सबे में तापमान 40.3 डिग्री सेल्सियस तक गया है। विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा है कि आगे और भी घातक स्थिति आएगी। उनका कहना है कि इससे भी अधिक तापमान देखने को मिलेगा और वह काफी सामान्य माना जाएगा।

 
जून महीने में शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च प्रकाशित की थी। जिसका नाम 'पर्यावरण अनुसंधान: जलवायु' रखा गया। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने किसी देश के मौसम पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अध्ययन किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और अध्ययन के सह-लेखक बेन क्लार्क ने कहा, 'दुनिया भर में हीटवेव अधिक गंभीर हो गई है और इसका कारण केवल जलवायु परिवर्तन है।'

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