France News: फ़्रांस में पेंशन मिलने की उम्र बढ़ाने को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को बोर्डो टाउन हॉल में आग लगी दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को फ्रांस में करीब 10 लाख लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहीं राजधानी पेरिस में करीब 1 लाख 19 हजार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पेंशन सुधारों को लेकर शुक्रवार को भी देश में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन जारी रहा, जिसके कारण ट्रेन यातायात मंद पड़ गया और मार्सिले के वाणिज्यिक बंदरगाह तक ट्रकों की कतारें लग गईं। वहीं, गुरुवार को देश में हुए व्यापक प्रदर्शन के कारण मची तबाही सड़कों पर आज भी नजर आई। पेरिस में और आसपास से गुरुवार को 450 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने शुक्रवार को बताया कि कुछ मार्च के दौरान हिंसा होने से करीब 441 पुलिस कर्मी व अन्य अधिकारी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले हुए प्रदर्शन में फ्रांस की राजधानी में 1,000 कूड़ेदान में आग लगा दी गई थी। एक सप्ताह से जारी कूड़ा उठाने वालों की हड़ताल के बीच कूड़ादान विरोध का प्रतीक बन गए हैं। उधर, ऊर्जा पारगमन मंत्री एग्नेस पेन्नर रंचर के अनुसार पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नॉरमंडी स्थित रिफाइनरी में तेल की आपूर्ति शुक्रवार को बहाल हुई। हालांकि प्रदर्शनकारी आगे रिफाइनरी में आपूर्ति को बाधित करने को लेकर बैठकें कर रहे हैं।
गौरतलब है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न को विशेष संवैधानिक शक्ति का उपयोग करने का आदेश दिया था। उनके इस आदेश के बाद संसद को सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 64 करने के अति विवादित विधेयक को बिना मतदान के मंजूरी देने के लिए विवश किया गया था।
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेंशन विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन के ज़रिए प्रदर्शनकारि अपनी आवाज़ पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि दूसरे किसी तरीक़े से ये सुधार वापस नहीं लिया जाएगा। विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं।
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