Sunday, December 22, 2024
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चीन ने कर ली ताईवान पर कब्जे की तैयारी! ड्रैगन के नए संप्रभुता कानून से पश्चिमी देशों को भी झटका

चीन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और संप्रभुता का हवाला देते हुए नया विदेशी कानून पेश किया है। इससे पश्चिमी देश भी परेशान हो गए हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा यह कानून लाए जाने का एजेंडा ताईवान और दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंधों के दौरान अपने देश का बचाव करने का उपाय प्रतीत हो रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 29, 2023 23:37 IST, Updated : Jun 29, 2023 23:37 IST
शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति
Image Source : FILE शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति

चीन ने अपना पहला विदेश संबंधी कानून बनाया है, जो चीन की संप्रभुता को लेकर है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने इस बहाने एक तरह से ताईवान पर कब्जे की तैयारी भी कर ली है। चीन का यह नया कानून अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके देश ने अपना पहला विदेशी संबंध कानून बनाया है, जो पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के लिए ‘निवारक’ के रूप में कार्य करेगा और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करेगा।

चीनी विदेशी कानून प्रवर्तन गतिविधियों पर चिंताओं के बीच चीन की संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति द्वारा बुधवार को पारित नया कानून एक जुलाई से प्रभावी होगा। नया कानून वैश्विक सुरक्षा, विकास और सभ्यता पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की विदेश नीति पहलों को कानून के तौर पर बढ़ावा देने को भी सुनिश्चित करता है। कानून का एक अनुच्छेद कहता है, ‘‘कोई भी संगठन या व्यक्ति यदि कोई ऐसा कार्य करता है जो इस कानून के तहत या अंतरराष्ट्रीय रिश्तों की दृष्टि से चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए नुकसानदेह हो तो उसे कानून द्वारा जिम्मेदार ठहराया जाएगा।’’

संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से लाया कानून

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने नये कानून के एक अन्य अनुच्छेद का हवाला देते हुए कहा है, ‘‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को अपनी संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास को खतरे में डालने वाले उन कृत्यों का मुकाबला करने या प्रतिबंधात्मक उपाय करने का अधिकार है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून या अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले मौलिक मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।’’ नये कानून का बचाव करते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग कार्यालय के निदेशक वांग ने कहा कि यह (कानून) प्रतिबंधों के लिए एक ‘निवारक’ के रूप में कार्य करेगा और बीजिंग की महत्वाकांक्षाओं तथा बढ़ती मुखर विदेश नीति की चिंताओं के बीच वैश्विक स्तर पर चीन की संप्रभुता की रक्षा के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता है।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दांव

इस कानून को लाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा दांव खेला है। राष्ट्रपति के प्रमुख विदेश नीति सलाहकार वांग ने बृहस्पतिवार को कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में प्रकाशित एक लेख में कहा है, ‘‘चीन अप्रत्याशित कारकों की बढ़ती संख्या का सामना कर रहा है और उसे ‘विदेशी संघर्षों’ के लिए अपने कानूनी ‘टूलबॉक्स’ का लगातार विस्तार करना चाहिए।’’ चीन यह कानून ऐसे वक्त में ले आया है, जब वह ताईवान को वन चाइना पॉलिसी के तहत अपने में मिलाने की कोशिश कर रहा है और इसे लेकर अमेरिका के साथ उसकी गहरी तनातनी है। (भाषा)

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