Nuclear submarine: भारत को जंगी विमान राफेल देने वाले दोस्त फ्रांस ने अब भारत को 6 न्यूक्लियर सबमरीन यानी परमाणु पनडुब्बियां देने का ऑफर दिया है। यह ऑफर चीन के लिए ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है। क्योंकि वह हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में लगा रहता है। हालांकि भारत और अमेरिका सहित 5 देश मिलकर इस समय हिंद महासागर में संयुक्त सैन्याभ्यास कर रहे हैं। इसमें कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया की नौसेना भी शामिल है। इंडियन नेवी अपने सबसे ताकतवर सर्विलांस एयरक्राफ्ट पी-8I के साथ गुआम में सी ड्रैगन 23 नामक युद्धाभ्यास में शामिल हो रही है। इस एक्सरसाइज में नौसेना सर्विलांस एयरक्राफ्ट की मदद से समंदर के अंदर छिपी चीनी पनडुब्बी और दूसरे टारगेट्स को तलाशने का अभ्यास करेगी।
हो सकती है सबसे बड़ी डील
चीनी पनडुब्बी को ढूंढकर नेस्तनाबूत करने की तैयारी तो पहले से ही सैन्याभ्यास में चल रही है। इसी बीच फ्रांस ने 6 न्यूक्लियर पनडुब्बियां भारत को देने का ऑफर किया है। फ्रांस की तरफ से मिला यह ऑफर बिल्कुल ऑकस की तरह होगा। अगर नौसेना इस डील के लिए हरी झंडी दे देती है तो फिर यह अब तक की सबसे बड़ी डील दोनों देशों के बीच होगी।
पनडुब्बी बनाने की पारंपरिक तकनीक भी देगा फ्रांस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस ने भारत के उस प्रोग्राम का हिस्सा बनने की पेशकश की है, जिसके बाद छह परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा फ्रांस ने बारकुडा क्लास परमाणु पनडुब्बी से पारंपरिक टेक्नोलॉजी का भी शेयर करने का प्रस्ताव दिया है। यह चीन के लिए एक बड़ा झटका है।
ऑस्ट्रेलिया भी होगा ताकतवर, अमेरिका दे रहा परमाणु पनडुब्बियां
अमेरिका ने हाल ही में ऑकस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया को पांच परमाणु पनडुब्बियां देने का ऐलान किया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही अब परमाणु पनडुब्बियों को हासिल करने की प्रक्रिया में हैं। दोनों ही देश चीन की आक्रामकता से तंग आ चुके हैं। इंडो पैसिफिक क्षेत्र पर चीन को जवाब देने की अब पूरी तैयारी है। प्रोजेक्ट 75 अल्फा प्रोग्राम के तहत भारतीय नौसेना ने परमाणु पनडुब्बियों को हासिल करने का मन बनाया है। फरवरी 2015 में भारत सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गई थी। इन पनडुब्बियों को भारत में ही तैयार किया जाना है। साल 2023-2024 में इस कार्यक्रम की शुरुआत होनी है।
प्रोजेक्ट के तहत भारत में तैयार होंगी पनडुब्बियां
प्रोजेक्ट के तहत विशाखापट्टनम स्थित शिपबिल्डिंग सेंटर में इन पनडुब्बियों का निर्माण होगा। तय कार्यक्रम के तहत साल 2032 में पहली पनडुब्बी को नौसेना को सौंपा जाने का लक्ष्य है। फ्रांस की तरफ से जो ऑफर भारत को दिया गया है उसमें बारकुडा क्लास पनडुब्बी की डिजाइन पर ही नई पनडुब्बी तैयार की जाएगी। नई पनडुब्बी में पंप जेट प्रपोल्शन होगा। हाल ही में चर्चा थी कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूके का संगठन ऑकस चीन को लेकर अलर्ट हो गया है तो अब भारतीय नौसेना भी सक्रिय हो चुकी है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय नौसेना सरकार से एपीआई से लैस तीन अटैक पनडुब्बियों की मांग करने का मन बना चुकी है।
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