संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 नवंबर का दिन बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार को उजागर करने के मकसद से मनाने के एक प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी। इस दिवस का उपयोग अपराध की रोकथाम की जरूरतों पर जोर देने, अपराधियों को सज़ा दिलाने और पीड़ितों को इससे उबरने की लंबी प्रक्रिया के हिस्से के रूप में आवाज़ उठाने के लिए भी किया जाएगा।
110 से अधिक देशों ने किया समर्थन
इस प्रस्ताव को अफ्रीकी देश सिएरा लियोन और नाइजीरिया ने रखा था और 110 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया था। इसे तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आमसहमति से पारित किया गया। प्रस्ताव पेश करने वालीं सिएरा लियोन की प्रथम महिला, फातिमा माडा बायो ने बाल यौन शोषण को एक 'जघन्य अपराध' करार दिया।
'रोकथाम एक आपात स्थिति है, लेकिन संभव है'
उन्होंने कहा, ''रोकथाम एक आपात स्थिति है, लेकिन संभव है।'' इस प्रस्ताव के तहत, हर साल पूरे विश्व में 18 नवंबर का दिन बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के तौर पर मनाया जाएगा।