Britain on Russia: रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूरोपीय देशों और अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध तो पहले ही लगा रखे हैं। अब ब्रिटेन ने अपने दुश्मन रूस को कमजोर करने और हथियारों की पूर्ति को रोकने के लिए नई तरकीब अपनाना शुरू कर दिया है। ब्रिटिश जासूसों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी यानी 'एआई' का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह बात खुद ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी 'एमआई6' ने स्पष्ट की है।
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ‘एमआई6’ के प्रमुख रिचर्ड मूर ने बुधवार को कहा कि ब्रिटिश जासूस पहले से ही रूस को हथियारों की आपूर्ति में बाधा डालने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी जासूसों को शत्रुतापूर्ण देशों द्वारा एआई के घातक इस्तेमाल पर नजर रखने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। मूर ने यूक्रेन पर हमले का विरोध करने वाले रूसियों से ब्रिटेन के लिए जासूसी करने का आग्रह किया और कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से अन्य लोग पहले ऐसा कर चुके हैं।
एआई को बताया बड़ा खतरा
उन्होंने कहा, ‘हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं।’ मूर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को एक बड़ा खतरा बताया। उन्होंने चीन को अपनी एजेंसी के लिए रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘हमें इस बारे में खुफिया जानकारी प्राप्त करने का काम सौंपा जाएगा कि कैसे शत्रुतापूर्ण देश एआई का इस्तेमाल हानिकारक, लापरवाह और अनैतिक तरीकों से कर रहे हैं।’
जंग में रूस के तेवर पड़ने लगे हैं कमजोर
उन्होंने कहा कि एआई मानव जासूसों की जगह नहीं लेगा और तेजी से विकसित हो रहे ‘मशीन लर्निंग’ के युग में ‘मानव कारक’ महत्वपूर्ण रहेगा। ‘मशीन लर्निंग’ एआई का एक प्रकार होता है। मूर ने यहां ब्रिटिश राजदूत के आवास पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन में रूस का सैन्य अभियान समाप्त हो गया है और ‘रूसी सेना के फिर से गति हासिल करने की संभावना बहुत कम है’।