Rishi Sunak on Israel: इजराइल और आतंकी संगठन हमास के बीच जोरदार संघर्ष जारी है। इसी बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों ने इजराइल की कार्रवाई का समर्थन किया है। वहीं दूसरी ओर सउदी अरब, कतर जैसे खाड़ी के मुस्लिम देशों ने इजराइल की कार्रवाई का विरोध किया है। इन सबके बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इजराइल में जारी संघर्ष पर चर्चा के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं से बात की है।
ऋषि सुनक ने किया इजराइल का समर्थन, आतंकवाद की निंदा
इसके कुछ समय बाद सुनक उत्तरी लंदन के एक यहूदी उपासनागृह में आयोजित प्रार्थना में शामिल हुए और देश के यहूदी समुदाय को आश्वस्त किया कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। सुनक ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ अपने संयुक्त बयान में इजराइल के लिए 'दृढ़ता और एकजुटता' के साथ समर्थन व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने आतंकवाद के भयावह कृत्यों के लिए हमास की स्पष्ट तौर पर निंदा भी की। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, ‘हम स्पष्ट करते हैं कि हमास की आतंकवादी कार्रवाइयों का कोई औचित्य नहीं है और इसकी सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए। आतंकवाद का कभी कोई औचित्य नहीं होता।'
बयान में कहा गया, 'हमारे देश इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के प्रयासों में इजराइल का समर्थन करेंगे। हम इस बात पर भी जोर देते हैं कि इजराइल के प्रति शत्रुता का भाव रखने वाले किसी भी संगठन के लिए यह समय इन हमलों का लाभ उठाने का नहीं है।’ इन पांच नेताओं ने कहा कि वे फलस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं को मान्यता देते हैं, तथा इजराइल और फलस्तीनियों के लिए न्याय और स्वतंत्रता के समान उपायों का समर्थन करते हैं। लेकिन हमास फलस्तीनी लोगों की इन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, यह फलस्तीनी लोगों को और अधिक आतंक तथा रक्तपात के अलावा कुछ भी प्रदान नहीं करता है।
एकजुट रहेंगे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे देश
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली ने यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई कि इजराइल अपनी रक्षा करने में सक्षम है। इन पांच देशों के नेताओं ने कहा, ‘‘ आने वाले दिनों में, हम एकजुट और समन्वित रहेंगे, सहयोगी के रूप में और इजराइल के साझा मित्र के रूप में, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इजराइल अपनी रक्षा करने में सक्षम है, और अंततः एक शांतिपूर्ण तथा एकीकृत पश्चिम एशिया क्षेत्र के लिए स्थितियां निर्धारित करेंगे। ’