बोर्गो एग्नाज़िया: इटली में जी-7 में शामिल होने वाले देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आना शुरू हो गया है। गुरुवार को इटली की प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने देश के पुगलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया में सात देशों के समूह के नेताओं का स्वागत किया। G7 में संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन शामिल हैं। यूरोपीय संघ भी जी 7 की सभी चर्चाओं में भाग लेता है और इसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग दोनों के अध्यक्षों द्वारा किया जाता है। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक भी इटली पहुंच गए हैं। उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से गर्मजोशी से मुलाकात की। पीएम मोदी भी आज इटली के लिए रवाना हो जाएंगे।
मेलोनी ने कहा "हम जो संदेश देना चाहते हैं वह G7 है। इटली अपनी अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ बातचीत को मजबूत करना चाहता है। हमने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि यह भूमि ऐतिहासिक रूप से पश्चिम और पूर्व के बीच एक पुल है। मेलोनी ने कहा, यह भूमध्य सागर के केंद्र में संवाद की भूमि है। वह मध्य सागर जो दुनिया के दो महान समुद्री स्थानों को जोड़ता है। यानी एक तरफ अटलांटिक, दूसरी तरफ इंडो-पैसिफिक सागर है।
जी-7 के सदस्य देशों के अलावा बाहरी मेहमान भी होते हैं शामिल
जी-7 की बैठक में इसके सदस्य देशों के अलावा मेज़बान देश परंपरागत रूप से कुछ सत्रों में शामिल होने के लिए बाहरी मेहमानों को भी आमंत्रित करता है। इटली ने इस साल जॉर्डन के राजा पोप फ्रांसिस के साथ-साथ यूक्रेन, भारत, ब्राजील, अर्जेंटीना, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और मॉरिटानिया के नेताओं को आमंत्रित किया है। महत्वपूर्ण बैठक से इतर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं। यह सम्मेलन पुगलिया के दक्षिणी क्षेत्र में बोर्गो इग्नाज़िया में आयोजित किया जा रहा है।
G7 शिखर सम्मेलन 2024 के एजेंडे में क्या है?
शिखर सम्मेलन आज शुरू हो चुका है। जो कि अफ्रीका के मुद्दों और जलवायु परिवर्तन व विकास के बारे में चर्चा के साथ शुरू हुआ। पहले सत्र में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी शामिल रहे इसके बाद बातचीत मध्य पूर्व पर केंद्रित हो गई। दूसरे दिन भूमध्यसागरीय, ऊर्जा और अफ्रीका आप्रवासन, भारत-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा पर सत्र आयोजित होंगे। इसके बाद पोप फ्रांसिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वार्ता का नेतृत्व करेंगे। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सभा के इतर यूक्रेन के साथ एक नए सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। (रॉयटर्स)
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