ब्रिटेन की एक अदालत ने अस्पताल में 7 नवजातों की हत्या के मामले में नर्स लूसी लेटबी को उम्रकैद की सजा दी है। लूसी पर अस्पताल में काम करने के दौरान 6 अन्य नवजातों की हत्या की कोशिश करने का भी आरोप है। इस गंभीर अपराध के परिणामस्वरूप नर्स लूसी को अब अपना जीवन जेल की भीतर ही गुजारना होगा।
क्या है पूरा मामला?
33 वर्षीय नर्स लूसी लेटबी को उत्तरी इंग्लैंड के चेस्टर अस्पताल की नवजात इकाई में पांच बच्चों और दो बच्चियों की हत्या का दोषी पाया गया है। लूसी अस्पताल में 2015-16 के बीच काम कर रही थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वह शिशुओं को इंसुलिन या एयर इंजेक्शन लगाती थी या उन्हें जबरदस्ती दूध पिलाती थी। 10 महीने की सुनवाई के बाद नर्स को मामले में दोषी करार दिया गया था।
विश्वास का घोर उल्लंघन
मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट के जज जस्टिस गॉस ने लूसी को सख्त सजा सुनाते हुए कहा कि नर्स ने सब जानते हुए चालाकी के साथ विश्वास का घोर उल्लंघन किया था। मामले में दोषी पाए जाने के बाद लूसी अदालत के सामने पेश नहीं हुई थी। जज जस्टिस गॉस ने उसकी गैरमौजूदगी में ही सजा का ऐलान किया।
भारतवंशी डॉक्टर ने जताया था शक
ब्रिटेन के भारतवंशी डॉक्टर रवि जयराम ने नर्स लूसी को पकड़वाने में बड़ी भूमिका अदा की। वह उन शुरुआती लोगों में से थे जिन्होंने बच्चों की मौत पर शक जाहिर किया और अधिकारियों को इसकी खबर दी। जब पुलिस को इन घटनाओं का पता चला तो उन्होंने इसकी जांच की। जांच में पुलिस को नर्स लूसी पर शक हुआ और पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया। डॉक्टर रवि जयराम के अनुसार, मारे गए कई बच्चे आज स्कूल जा रहे होते।
ऋषि सुनक ने की निंदा
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने बच्चों के मौत की निंदा की और नर्स को कायर बताया। उन्होंने कहा कि यहा कायरतापूर्ण बात है कि ऐसे भयानक अपराध करने वाले लोग पीड़ितों का प्रत्यक्ष रूप से सामना नहीं करते हैं। सुनक ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे मामलों में कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है।
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