लंदनः ब्रिटेन में 14 वर्षों बाद लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद विदेश मंत्री डेविड लैमी 23 जुलाई को भारत आ रहे हैं। इस दौरान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता होने के साथ उस पर मुहर लगने की उम्मीद है। वार्ता के नए मापदंड इस सप्ताह निर्धारित किए जाएंगे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी मंगलवार को भारत आने वाले हैं। यह ब्रिटेन में नवनिर्वाचित लेबर सरकार के तहत पहला उच्चस्तरीय दौरा होगा। जनवरी, 2022 में तत्कालीन कंजर्वेटिव सरकार के तहत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता शुरू हुई थी। इसका लक्ष्य प्रतिवर्ष 38.1 अरब पाउंड की द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को बढ़ावा देना था। लेकिन दोनों देशों में आम चुनावों के कारण वार्ता के 14वें दौर में इसमें बाधा आ गई।
समाचार पत्र ‘द डेली टेलीग्राफ’ में आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में नई दिल्ली के एक सूत्र के हवाले से दावा किया गया है कि भारतीय पक्ष इस बात पर स्पष्टता चाहेगा कि क्या लेबर सरकार चीजों को वहीं से शुरू करना चाहती है, जहां से उन्हें छोड़ा गया था या किसी तरह से नए सिरे से शुरुआत करना चाहती है। सूत्र ने समाचार पत्र से कहा, “भारत सकारात्मक रुख के साथ वार्ता बहाल करने का इच्छुक है, लेकिन तारीख पर स्पष्टता की जरूरत है।” सूत्र ने कहा, “पिछली सरकार में व्यापार समझौता अंतिम चरण में था, और हम देखना चाहते हैं कि क्या लेबर सरकार वहीं से शुरू करना चाहती है जहां मार्च में चुनाव से पहले इसे छोड़ा था, या फिर नए सिरे से शुरू करना चाहती है। पेशेवरों के लिए वीजा पर हमारा रुख नहीं बदला है। हम लेबर सरकार के तहत सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।”
भारत ने दिया ब्रिटेन को खुला ऑफर
इसी महीने लेबर की भारी चुनावी जीत से कुछ दिन पहले भारत-ब्रिटेन संबंधों पर अपने अंतिम प्रमुख हस्तक्षेप के दौरान लैमी ने लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) को बताया कि उनका इरादा जल्द से जल्द इस समझौते को पूरा करने का है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा दिवाली, 2022 की समयसीमा चूक जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को मेरा संदेश है कि लेबर पार्टी आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइये आखिरकार अपना मुक्त व्यापार समझौता करें और आगे बढ़ें। (भाषा)
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