Highlights
- चौथी डोज तीसरी खुराक के मुकाबले एंटीबॉडी के स्तर को कहीं अधिक बढ़ाती है।
- स्टडी में शामिल लोगों को तीसरी डोज के करीब 7 महीने बाद चौथी खुराक दी गई।
- ब्रिटेन में हुए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन के हालिया नतीजों में यह बात सामने आई है।
लंदन: कोरोना वायरस ने पिछले 2 साल से भी ज्यादा वक्त से पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। समय-समय पर आने वाले इसके नए वेरिएंट्स ने आम आदमी की चिंता में इजाफा ही किया है, ऐसे में वैक्सीन एक बड़ी राहत के रूप में सामने आई है। इस बीच एक स्टडी में पता चला है कि फाइजर या मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन की चौथी खुराक सुरक्षित है और तीसरी खुराक के मुकाबले एंटीबॉडी के स्तर को कहीं अधिक बढ़ाती है। ब्रिटेन में हुए एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन के हालिया नतीजों में यह बात सामने आई है।
‘स्प्रिंग बूस्टर के तौर पर दी जा रही है चौथी डोज’
रिसर्चर्स ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिटेन में बीमारी के लिहाज से बेहद संवेदनशील लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की चौथी खुराक ‘स्प्रिंग बूस्टर’ के तौर पर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्टडी का डेटा सामने आने से पहले इम्यूनिटी को हाई लेवल पर बनाए रखने के लिए यह एक एहतियाती रणनीति रही है। ‘द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल’ में पब्लिश हुए नतीजे बताते हैं कि कोविड-19 के लिए चौथी डोज mRNA बूस्टर वैक्सीन उन लोगों में अच्छे नतीजे दिखाती है जिन्हें फाइजर टीका तीसरी खुराक के रूप में दिया गया था।
‘चौथी बूस्टर डोज के बाद इम्यूनिटी में इजाफा हुआ’
रिसर्चर्स के मुताबिक, ये एंटीबॉडी और सेल्युलर इम्युनिटी, दोनों को बेसलाइन और उससे ऊपर के स्तर तक और तीसरी बूस्टर खुराक के बाद देखे गए अधिकतम स्तर से आगे लेकर जाते हैं। NIHR साउथैम्पटन क्लीनिकल रिसर्च फेसिलिटी के डायरेक्टर और टेस्ट हेड प्रोफेसर साउल फाउस्ट ने कहा, ‘यह नतीजे मौजूदा स्प्रिंग खुराक प्राप्त कर रहे अत्यधिक संवेदनशील लोगों को होने वाले फायदे रेखांकित करते हैं और ब्रिटेन में ठंड के मौसम में किसी भी संभावित वैक्सिनेशन प्रोग्राम के लिये भरोसा देते हैं, अगर वैक्सीनेशन और इम्युनाइजेशन पर जॉइंट कमिटी उस समय इसकी जरूरत समझती है।’
स्टडी के लिए देश भर से चुने गए थे 166 लोग
इस स्टडी में जून 2021 में फाइजर या एस्ट्राजेनेका की शुरुआती खुराक लेने के बाद 166 ऐसे लोगों को चुना गया जिन्होंने तीसरी डोज के तौर पर फाइजर का टीका लिया था। इन लोगों को बिना किसी निर्धारित क्रम के चौथी डोज के तौर पर फाइजर की पूर्ण खुराक या मॉडर्ना की आधी डोज लगवाने के लिये चुना गया। तीसरी डोज के करीब 7 महीने बाद चौथी खुराक दी गई। रिसर्चर्स ने कहा कि टीकाकरण स्थल पर दर्द और थकान सबसे आम दुष्प्रभाव थे, लेकिन टीके से संबंधित कोई गंभीर प्रतिकूल घटना नहीं थी और चौथी डोज सुरक्षित तरीके से और आराम से लग गई थी।