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जन्मदिन विशेष: महान वैज्ञानिक न्यूटन के जन्म से जुड़ी है दिलचस्प बात, उनकी मौत भी है रहस्य

महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ आइजक न्‍यूटन कौन नहीं जानता है। स्कूली किताबों में हम सभी लोगों ने उनका नाम जरूर सुना होगा। न्यूटन एक गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद, धर्मशास्त्री के साथ ही बहुत कुछ थे।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Jan 04, 2025 6:00 IST, Updated : Jan 04, 2025 6:37 IST
आइजैक न्यूटन
Image Source : FREEPIK आइजैक न्यूटन

Isaac Newton Birthday: आइजैक न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को हुआ था। न्यूटन से जुड़ा सेब गिरने का किस्स और गति के नियम के बारे में तो बहुत लोग जानते हैं, लेकिन उन्होंने दुनिया को कई और बातों से भी अवगत करवाया था। न्यूटन एक गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद के साथ महान वैज्ञानिक भी थे। न्यूटन को यूं तो उनके गुरुत्वाकर्षण और गति के नियमों के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी बहुत सारी खोजें और आविष्कारों ने दुनिया में आमूलचूल परिवर्तन ला दिया था। तो चलिए जानते हैं न्यूटन के जीवन और खोज से जुड़ी दिलचस्प बातें। 

न्यूटन के जन्मदिन को लेकर दिलचस्प तथ्य

न्यूटन के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि उनके दो जन्मदिवस थे। दरअसल, उनकी जन्मतिथियों में दस दिन का अंतर उनके दौर में प्रचलित कैलेंडरों के कारण पैदा हुआ था। चार जनवरी के अलावा न्यूटन का जन्मदिन 25 दिसंबर को भी आता है। मजेदार बात यह है कि न्यूटन भी इंग्लैंड में अपना जन्मदिन 25 दिसंबर को ही मानते थे जबकि इंग्लैंड के बाहर उनका जन्मदिन 4 जनवरी को था।

ये है जन्मदिवस आधिकारिक तारीख 

न्यूटन का जन्म इंग्लैंड में वूल्सथोर्पे के मैनोर हाउस में हुआ था। उस समय इंग्लैंड में यूरोप से अलग जूलियन कैलेंडर का उपयोग होता था, जिसके मुताबिक न्यूटन 25 दिसंबर 1642 को पैदा हुए थे। वहीं, यूरोप में उस समय ग्रिगोरियन कैलेंडर अपना चुका था जिसका इसका इस्तेमाल आज किया जाता है। इस हिसाब से न्यूटन 4 जनवरी 1643 को पैदा हुए थे। यही तारीख बाद में आधिकारिक तौर पर उनकी जन्मतिथि मानी गई।

विज्ञान में नए युग की हुई शुरुआत

यूं तो न्यूटन के सिद्धांत के पहले भी गुरुत्व की अवधारणा मौजूद थी लेकिन न्यूटन के सिद्धांतों ने गुरुत्वाकर्षण को सौर्वभौमिकता प्रदान कर दुनिया भर में तहलका मचा दिया था। इससे भी बड़ी बात थी पूरे विज्ञान में मूलभूत परिवर्तन। इसीलिए माना जाता है कि न्यूटन ने विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत की।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे न्यूटन

न्यूटन ने कैल्क्युलस का आविष्कार कर गणित को एक नई शाखा प्रदान की। इसके अलावा न्यूटन रिफ्लेक्टिंग टेलीस्कोप बनाने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने ही सबसे पहले सफेद प्रकाश को प्रिज्म के जरिए रंगों का स्पैक्ट्रम दिखाया था, जो आधुनिक खगोलविज्ञान का आधार स्तंभ है। कम लोग जानते हैं कि न्यूटन की रसायन शास्त्र में गहरी रुचि थी और उससे भी ज्यादा उन्हें अल्कैमी रोचक लगती थी। उन्होंने रसायनशास्त्र पर बहुत से लेख छोड़े और अल्कैमी पर बहुत सारे प्रयोग भी किए। न्यूटन ने एक बड़े लेखक भी थे।

न्यूटन की मौत का रहस्य

न्यूटन की मौत नए कैलेंडर के अनुसार 31 मार्च 1727 को हुई थी जो पुराने कैलेंडर के अनुसार 20 मार्च 1727 की तारीख मानी जाती है। बताया जाता है कि वो सोते समय मरे थे और उनकी मृत्यु के  बाद उनके शरीर में बहुत सारा पारा मिला था। चूंकि, पारे का अल्केमी से गहरा नाता बताया जाता है, उनकी मौत को अल्केमी से भी जोड़ने का प्रयास किया गया। न्यूटन अपने अंतिम वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य से भी जूझते दिखे, वो निराशा के शिकार हो गए थे लोगों से मिलना जुलना बंद कर दिया था। न्यूटन का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ था।

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