British Prime Minister Rishi Sunak: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने समलैंगिता यानी एलजीबीटी के मुद्दे पर अपनी राय रखी है। सुनक ने खासतौर पर ब्रिटिश सेना में एलजीबीटी की भूमिका और पूर्व में लगाए प्रतिबंध पर ब्रिटिश पार्लियामेंट में अपनी बात रखी। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के सशस्त्र बलों में एलजीबीटी प्रतिबंध के लिए माफी मांगी। यह माफी उन लोगों से मांगी गई, जिन्हें समलैंगिक होने के कारण सेना से बर्खास्त कर दिया गया था
प्रधानमंत्री ऋषि सनक ने बुधवार को एलजीबीटी पूर्व सैनिकों के साथ व्यवहार के लिए ब्रिटेन सरकार की ओर से माफी मांगने के साथ ही कहा कि सशस्त्र बलों में उनकी तैनाती पर पिछला प्रतिबंध ब्रिटिश राज्य की 'भयावह विफलता' थी। सुनक ने संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में ब्रिटिश सेना में एलजीबीटी के मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए यह माफी मांगी।
इससे पहले एक स्वतंत्र समीक्षा में कहा गया कि किसी व्यक्ति की लैंगिकता की वर्ष 2000 से पहले की जांच 'घुसपैठ' और 'आक्रामक' थी। इससे कुछ पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन पर लंबे समय तक चलने वाले गंभीर प्रभाव पड़े। सुनक ने कहा, 'वर्ष 2000 तक हमारी सेना में एलजीबीटी लोगों पर प्रतिबंध ब्रिटिश राज्य की एक भयानक विफलता थी- इस देश के कानून से दशकों पीछे।'
ब्रिटिश सरकार की ओर से माफी मांगता हूं: सुनक
उन्होंने कहा, 'आज, ब्रिटिश सरकार की ओर से मैं माफी मांगता हूं और मुझे उम्मीद है कि प्रभावित सभी लोग खुद को उस गौरवान्वित अनुभवी समुदाय का हिस्सा महसूस करेंगे जिन्होंने हमारे देश को सुरक्षित रखने के लिए बहुत कुछ किया है।' वहीं एक रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि जिन लोगों के साथ भेदभाव हुआ उन्हें वित्तीय पुरस्कार दिया जाए और प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। वहीं सरकार ने स्वीकार किया है कि वर्ष 2000 से पहले एलजीबीटी सशस्त्र बलों के कर्मियों और दिग्गजों के साथ व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य और बेहद अफसोसजनक था।
सशस्त्र बलों के इतिहास के शर्मनाक कृत्य पर समीक्षा खुशी का सबब
ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस समीक्षा ने हमारे सशस्त्र बलों के इतिहास में एक शर्मनाक और अस्वीकार्य ऐतिहासिक अध्याय पर बहुत जरूरी प्रकाश डाला है। यह हृदयविदारक है कि जिस सहिष्णुता और मूल्यों के लिए हम अपने सैनिकों, नाविकों और विमान चालकों से लड़ने की उम्मीद करते थे, उनमें से कई को इससे वंचित कर दिया गया। मुझे खुशी है कि अब हमारे पास उन ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का अवसर है ताकि एलजीबीटी दिग्गज एक बार फिर ऐसा कर सकें उनकी सेवा पर गर्व कर सकें।