पाकिस्तान सिर्फ भूखा और भिखारी ही नहीं, बल्कि झूठा भी है। वह हमेशा से झूठ बोलता आ रहा है। मगर उसने इस बार अमेरिका से झूठ बोलने की गलती कर दी थी। पाकिस्तान को लगा कि वह स्मार्ट झूठ बोलकर अमेरिका को गुमराह कर देगा। मगर इस बार उसका झूठ पकड़ा गया है। अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान की पोल खुल गई है। इस रिपोर्ट से आप समझ सकते हैं कि बात-बात में पाकिस्तान किस तरह से झूठ का धंधा चलाता है। दरअसल पाकिस्तान ने इस बार अफगानी शरणार्थियों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। मगर अमेरिका ने इन आरोपों को गलत ठहरा दिया है। इससे पाकिस्तान को झटका भी लगा है।
इस्लामाबाद के अनुसार सीमा पर अफगानी शरणार्थियों अस्थिरता पैदा करने और आतंकी गतिविधियां चलाने का काम कर रहे थे। मगर व्हाइट हाउस ने कहा है कि पाकिस्तान में रह रहे या अफगानिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह बात कही। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दो दिन पहले कहा था कि देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में बसने की अनुमति देना एक गंभीर गलती थी। आसिफ ने कहा था, ‘‘मौजूदा स्थिति ने अफगान शरणार्थियों को प्रदान की गई सुविधाओं के संबंध में चिंताएं बढ़ा दी हैं।’’ उन्होंने कहा कि अफगान शरणार्थियों को आश्रय और सुविधाएं देने के परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़े हैं। उन्होंने अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया।
यूएएस ने पाकिस्तान से कही ये बात
किर्बी ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाकिस्तान में या अफगानिस्तान से लगने वाली उसकी सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के हमें कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इतनी अधिक संख्या में अफगान नागरिकों की मदद करने के लिए अमेरिका पाकिस्तान की सराहना करता है और ‘‘हम आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखेंगे। ’’ किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मेरा मतलब है कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि हम आतंकवाद विरोधी क्षमता में सुधार को गंभीरता से लेंगे और हम इसका प्रभावी ढंग से उपयोग करेंगे।
पाकिस्तानी सेना के अनुसार अफगानी लोग आतंकी गतिविधियों में लिप्त
’’ आसिफ ने शनिवार को कहा था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान काफी गंभीर गलतियां की थीं। उन्होंने कहा था, ‘‘तीन लाख से अधिक लोगों को यहां लाया गया है, जबकि 500,000 अफगान प्रवासी पहले से मौजूद हैं।’’ पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को तालिबान शासित अफगानिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि ‘पड़ोसी देश’ में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को पनाहगाह और नए-नए हथियार उपलब्ध कराना आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारणों में से एक हैं। उन्होंने पड़ोसी देश का नाम नहीं लिया। पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर अपनी धरती पर प्रतिबंधित टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया था। (भाषा)
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