नई दिल्लीः अमेरिका और जर्मनी ने यूक्रेन युद्ध समेत अन्य वैश्विक समस्याओं को सुलझा लेना का दावा किया है। यूक्रेन पर हमले के विरुद्ध रूस पर दबाव बनाये रखने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अत्यंत गहनता से और मिलकर काम करने की घोषणा की गई है। इसके बाद दोनों नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति के औपचारिक कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में शुक्रवार को एक घंटे से अधिक समय तक बैठक की। एक प्रशासिनक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि इस बैठक में केवल बाइडन और शोल्ज शामिल हुए तथा उनके शीर्ष सलाहकारों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया। बैठक समाप्त होने के बाद बाइडन और शोल्ज बाहर आए और अमेरिकी राष्ट्रपति ने मजाकिया अंदाज में कहा कि दोनों नेताओं ने दुनिया की सभी समस्याएं खुद ही सुलझा ली हैं।
बाइडन और शोल्ज के बीच हुई बैठक की आधिकारिक जानकारी में केवल यह बताया गया कि दोनों नेताओं ने युद्ध पर चर्चा की और ‘‘अन्य वैश्विक मामलों पर अपने विचार साझा किये।’’ बाइडन ने यूक्रेन को ‘‘अहम सैन्य सहायता’’ मुहैया कराने के लिए जर्मनी को धन्यवाद दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन को अहम सुरक्षा सहायता मुहैया कराने के लिए एकजुट होकर काम किया’’ और शोल्ज ने भी अमेरिका-जर्मनी के प्रयासों को ‘‘लॉकस्टेप’’ (निकटता से मिलकर किए गए प्रयास) बताया। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड और शीर्ष विधि अधिकारयों से मुलाकात की है और रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों के मामले में अभियोग चलाए जाने की वकालत की है। जेलेंस्की ने कीव में हुई बैठक के बारे में कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत रूसी युद्ध अपराधियों को सजा देने में कामयाब हो। उन्होंने कहा कि अब तक 70,000 रूसी युद्ध अपराध दर्ज किये गये हैं। इसलिए रूस पर मुकदमा चलाकर उसे सजा दी जाए।
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