Asia Pacific Leaders Condemn Ukraine war:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने भी खुलकर यूक्रेन युद्ध की निंदा की है। साथ ही रूस के हमले को खत्म करने का आह्वान किया है। अभी तक दुनिया भर में सिर्फ पीएम मोदी एक मात्र नेता थे, जिन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कह दिया था कि यह युग युद्ध का नहीं है। बातचीत और कूटनीति से मामले का हल निकालना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे कई देश यूक्रेन युद्ध को लेकर कई गई भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर अपनी सहमति जता रहे हैं।
करीब नौ महीने से चल रहे रूस-यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध का अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। साथ ही दुनिया के ज्यादातर देशों में इस वजह से महंगाई और मंदी की मार से लोग परेशान हो रहे हैं। इस युद्ध ने दुनिया भर में खाद्य और ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा संकट पैदा कर दिया है। ऐसे में अबह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नेताओं ने यूक्रेन पर रूस के हमले को खत्म करने का आह्वान किया और साथ ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को टिकाऊ वृद्धि की ओर ले जाने का संकल्प लिया।
एपीईसी में बोले नेतागण
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) मंच का शिखर सम्मेलन यहां शनिवार को प्रारंभ हुआ, जिसमें यह बात कही गई। मेजबान थाईलैंड ने कहा कि 21 सदस्यों में से ज्यादातर ने युद्ध की निंदा की। हालांकि, इस संबंध में किसी मत विभाजन को टालने की कोशिश भी की गई। गौरतलब है कि रूस और चीन भी एपीईसी के सदस्य हैं। चीन भी आमतौर पर मास्को की आलोचना से परहेज करता है। इस मौके पर जारी घोषणा पत्र में युद्ध के मुद्दे पर मतभेदों को स्वीकार किया गया और कहा गया कि मंच मुख्य रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। साथ ही कहा गया कि एपीईसी ऐसे संघर्षों को हल करने का स्थान नहीं है।
घोषणा पत्र में यह भी कहा गया कि युद्ध और दूसरे सुरक्षा संबंधी मुद्दे ''वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहमियत रखते हैं।'' घोषणा पत्र में कहा गया कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा की और जोर देकर कहा कि यह अत्यधिक मानवीय पीड़ा और बढ़ती मुद्रास्फीति, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं, खाद्य संकट और वित्तीय जोखिम की वजह बन रहा है। इसलिए युद्ध को अब विराम दे देना चाहिए। इससे किसी भी देश का भला होता नहीं दिख रहा।