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बखमुत में कवरेज के दौरान रॉकेट की चपेट में आने से AFP के पत्रकार की मौत, बाल-बाल बचे अन्य सदस्य

यूक्रेन में मौत बरसाती मिसाइलों, रॉकेट और बमों के बीच में अब रिपोर्टिंग करना पत्रकारों के लिए मुश्किल हो चला है। अब तक कई पत्रकार यूक्रेन में हमले की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि कई घायल हुए हैं। वहीं कुछ पत्रकार ऐसे भी हैं कि रिपोर्टिंग के दौरान मौत जिनके बेहद करीब से गुजरी।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: May 10, 2023 11:15 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

यूक्रेन में मौत बरसाती मिसाइलों, रॉकेट और बमों के बीच में अब रिपोर्टिंग करना पत्रकारों के लिए मुश्किल हो चला है। अब तक कई पत्रकार यूक्रेन में हमले की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि कई घायल हुए हैं। वहीं कुछ पत्रकार ऐसे भी हैं कि रिपोर्टिंग के दौरान मौत जिनके बेहद करीब से गुजरी। मगर वह किस्मत वाले रहे कि बाल-बाल बच गए। ताजा हमले में फ्रांस की अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ‘एजेंसी फ्रांस प्रेस’ (एएफपी) के एक पत्रकार की मौत हो गई। हालांकि टीम के अन्य सदस्य बाल-बाल बच गए।

यह घटना पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर के पास मंगलवार को हुई, जहां न्यूज कवरेज के दौरान एएफपी के पत्रकार एक रॉकेट हमले में की चपेट में आ गए। एजेंसी के अनुसार 32 वर्षीय पत्रकार अरमान सोल्डिन यूक्रेनी सैनिकों के साथ सफर कर रहे एएफपी पत्रकारों के दल में शामिल थे। एजेंसी के मुताबिक, बखमुत के पास यह दल ग्रैड रॉकेट से किए गए हमले की चपेट में आ गया, जिसमें अरमान की मौत हो गई। हालांकि, पत्रकार दल के अन्य सदस्यों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। एएफपी ने बताया कि मंगलवार देर शाम को किया गया रॉकेट हमला बखमुत के पास स्थित चेसिव यार कस्बे में हुआ।

बखमुत में 9 महीने से हो रही भीषण जंग

रूसी सेना और यूक्रेन आर्मी के बीच बखमुत में 9 महीने से भीषण जंग चल रही है। रूसी बल पूरी ताकत से बखमुत पर कब्जा करने की कोशिशों में जुटे हैं, जिससे शहर लंबे समय से युद्ध के केंद्र में है। एएफपी चेयरमैन फैब्रिस फ्राइज ने कहा, “अरमान की मौत यूक्रेन में युद्ध को कवर करने वाले पत्रकारों के सामने हर दिन मौजूद खतरों की याद दिलाती है।” एएफपी के अनुसार बोस्निया की राजधानी सारायेवो में जन्मे अरमान फ्रांसीसी नागरिक थे। वह 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के एक दिन बाद ही कीव पहुंचे थे। युद्ध की विभीषिका को दर्शाने के लिए उन्होंने यूक्रेन में नियमित रूप से अग्रिम मोर्चों का दौरा किया।

मिसाइल हमले से बाल-बाल बचे थे भारतीय पत्रकार

यूक्रेन में युद्ध के आरंभ में न्यूज कवरेज के लिए जाने वाले देश के पहले भारतीय पत्रकार अभिषेक उपाध्याय भी एक मिसाइल हमले में बाल-बाल बचे थे। यूक्रेन में लाइव रिपोर्टिंग के दौरान एक घातक मिसाइल उनके बेहद करीब आकर गिरी थी। इसके बाद भी वह युद्ध के मैदान में डटे रहे। कई दिनों तक उन्होंने बंकरों और रेलवे स्टेशन के बेसमेंट में भी रात गुजारी। इसके बाद तो मिसाइलें और रॉकेट बम को झेलना उनकी आदत सी हो गई। बता दें कि अभिषेक उपाध्याय देश के पहले ऐसे पत्रकार थे, जो रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से हफ्तों पहले ही कीव पहुंच गए थे। यूक्रेन पर जब 28 फरवरी को रूस ने पहला हमला किया तो भी वह वहीं मौजूद थे। उन्होंने महीनों तक मिसाइलों और बम हमलों के बीच जान पर खेलकर साहसिक रिपोर्टिंग की।

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