Farmer Protest in Poland: भारत में दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का जोरदार प्रदर्शन चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद की अपील भी की है। हमारे देश में ही किसानों का प्रदर्शन नहीं होता है, कई देशों में किसान ऐसे प्रदर्शन करते हैं। यूरोपीय देश पोलैंड भी किसान अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 500 ट्रैक्टरों के साथ 1000 किसान जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि इन किसानों ने यूरोपियन यूनियन के दफ्तर पर अंडे तक फेंके, आगजनी की और ईयू ग्रीन डील के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। किसान ट्रैक्टर के साथ इस यूरोपीय देश में किसान पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं। यही नहीं कई अन्य यूरोपीय देशों में भी किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पूरे यूरोप में किसान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यूरोपीय यूनियन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पाबंदियों की वजह से किसानी की लागत बढ़ रही है, मुनाफा कम है। पड़ोस के यूक्रेन युद्ध का भी पोलैंड के किसानों पर गंभीर असर पड़ा है। 500 ट्रैक्टर के साथ एक हजार किसान सड़कों पर गुरुवार के विरोध-प्रदर्शन में लगभग एक हजार की संख्या में किसान 500 ट्रैक्टर और अन्य कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों के साथ सड़क पर उतरे।
किसानों ने सड़कों पर किया मार्च
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में किसानों को पोलिश झंडे, बैनर और कुछ मामलों में फ़्लेयर लिए हुए सड़कों पर मार्च करते देखा गया. किसान क्षेत्रीय सरकारी मुख्यालय के सामने इकट्ठा हुए जहां उन्होंने टायरों में आग लगा दी, जिससे पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया।
किसानों का यह विरोध प्रदर्शन क्यों?
पोलैंड के किसान यूक्रेन से सस्ते खाद्य आयात का विशेष रूप से विरोध कर रहे हैं। जैसे कि स्थानीय किसानों का अनाज खरीदे जाने के बजाय सरकार पड़ोसी यूक्रेन से सस्ते में इंपोर्ट करती हैं। यही वजह है कि पिछले शुक्रवार से किसान 30 दिन की हड़ताल पर हैं। इस बीच यूक्रेन के साथ लगने वाली कुछ सड़कों को किसान ने ब्लॉक भी कर दिया है।
किसानों ने दी सीमाएं सील करने की चेतावनी
पोलिश किसानों ने यूक्रेन के साथ सभी सीमा क्रॉसिंगों की पूर्ण नाकाबंदी और 20 फरवरी को राजधानी वारसॉ में एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। किसानों ने ना सिर्फ यूक्रेन की सीमाएं बल्कि कम्यूनिकेशन सेंटर से लेकर ट्रांसशिपमेंट्स, रेलवे स्टेशनों और समुद्री बंदरगाहों को भी सील करने की चेतावनी दी है। यूरोपीय किसान उसी दिन पहले से घोषित 'स्टार मार्च' में सभी दिशाओं से वारसॉ पहुंचेंगे।