Tuesday, November 05, 2024
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36 घंटे बाद मलबे का सीना चीर कर निकली यूक्रेनी फौजी की पत्नी, मौत से कुछ घंटे पहले एक बच्चे ने मनाया आखिरी जन्मदिन

रूस-यूक्रेन युद्ध अपने भीषणतम दौर में है। यूक्रेन के निप्रो शहर में शनिवार को हुए रूस के अब तक के सबसे बड़े मिसाइल हमले में 40 से अधिक शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। जबकि 46 लोग अब भी लापता हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 17, 2023 15:00 IST
रूस के भीषण मिसाइल हमले से तबाह हुई यूक्रेन के निप्रो शहर की इमारत- India TV Hindi
Image Source : PTI रूस के भीषण मिसाइल हमले से तबाह हुई यूक्रेन के निप्रो शहर की इमारत

Russia-Ukraine War Update: रूस-यूक्रेन युद्ध अपने भीषणतम दौर में है। यूक्रेन के निप्रो शहर में शनिवार को हुए रूस के अब तक के सबसे बड़े मिसाइल हमले में 40 से अधिक शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। जबकि 46 लोग अब भी लापता हैं। दरअसल मध्य यूक्रेन के निप्रो में रूस की क्रूज मिसाइल ने नौ मंजिला अपार्टमेंट पर ऐसा कहर बरपाया कि पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो गई। अभी भी यूक्रेन के राहत और बचाव दल मलबे में दबे शवों और लोगों को बचाने में जुटे हैं। इसी मलबे से एक यू्क्रेनी फौजी की पत्नी अनस्तसिया शवेत्स को 36 घंटे बाद जिंदा निकाला गया है। अनस्तसिया के पति रूस से जंग लड़ते कुछ दिनों पहले ही शहीद हो गए थे। वहीं एक अन्य सेवारत फौजी की मां भी चमत्कारिक रूप से नौवीं मंजिल पर रसोईं के मलबे में जिंदा पाई गई है।

23 वर्षीय अनस्तसिया ईमारत के 5वीं मंजिल पर मलबे में दबी थी। मगर जब वह 36 घंटे बाद मलबे का सीना चीर कर जिंदा निकली तो उन्हें देख हर कोई हैरान रह गया। अनस्तसिया ने बताया कि शनिवार को जब इस इमारत पर रूस की क्रूज मिसाइल कहर बनकर टूटी तो वह बाथरूम में थी। यूक्रेन के बचाव दल ने रेस्क्यू करते वक्त उनके हाथों में टेडीबीयर भी पाया था। इससे पता चलता है कि महिला अपने शहीद पति के चलते काफी सदमे में थी और वह टेडीबीयर के जरिये अपने गम को कम करने का प्रयास कर रही होगी। मगर बेदर्द रूस की एक मिसाइल ने उसकी उम्मीदों पर बारूद गिरा दी। हालांकि अनस्तसिया के हौसलों ने क्रूज मिसाइल के हमले को भी बौना साबित कर दिया।

दोपहर में आराम करते वक्त गिरी क्रूज मिसाइल

 यूक्रेन के लोगों ने बताया कि हमला उस वक्त हुआ जब शनिवार की दोपहर में निप्रो के लोग अपने घरों पर आराम कर रहे थे। इसी दौरान एक रूसी क्रूज मिसाइल ने नदी के पास एक पार्क के सामने बने नौ मंजिला अपार्टमेंट की इमारत पर हमला कर दिया। यहां करीब 1700 लोग रहते थे। अब तक 40 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। 75 से अधिक लोग घायल हैं। इमारत का मुख्य भाग पूरी तरह खंडहर हो चुका है। मिसाइल के हमले से इमारत का आधा भाग टूटकर धराशायी हो गया। बिल्डिंग के ज्यादातर हिस्से टूटकर बेसमेंट में घुस गए। मौके से भारी धुआं, धूल का गुब्बार उठता रहा। पड़ोस की एक इमारत में रहने वाली स्वित्लाना लिश्चिनस्का ने कहा कि हमला इतना जबरदस्त था कि उसके झटके से उनके घर की दीवारें भी हिल गईं। “उसी समय, मेरी बेटी, जो अपनी सहेली के साथ घूमने गई थी, ने मुझे फोन किया और जोरदार धमाकों के बारे में बताया। मैं उसके पास दौड़ा। मैं जितना करीब गया, उतना ही नर्क जैसा लगने लगा। "जब मैं वहां गया, तो ठहर गया। इमारत के दोनों प्रवेश द्वार अब मौजूद नहीं थे। वे कंक्रीट के ढेर और एक बड़े होल में बदल गए थे। यह कयामत की तस्वीर थी। यहां हर कोई एक तरह की मूर्च्छा में था, क्योंकि यह विश्वास करना असंभव था कि यह हमारे साथ हो रहा था।

बच्चे ने मनाया था आखिरी जन्मदिन
मलबे में तब्दील इमारत में शनिवार को बचाए जाने वाले आखिरी व्यक्ति को आधी रात के बाद पुकारते सुना गया। राहत दल को उस तक पहुंचने में नौ घंटे लगे तब तक उन्हें गंभीर हाइपोथर्मिया हो गया था। हालांकि रविवार की रात लोगों के छोटे समूह एक घेरे के पीछे चुपचाप खड़े थे। कुछ लोग अभी भी एक चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे। अन्य लोग हाथ में फूल लिए थे या मोमबत्तियाँ जला रहे थे। कुछ लोगों ने आंसू पोंछे, क्योंकि उन्होंने बुलडोजर को कंक्रीट और मुड़ी हुई स्टील की चादरों से टकराते हुए देखा। लोगों को उम्मीद थी कि शायद उनका कोई अपना जिंदा निकल आए। शीर्ष तल पर आधा रसोईघर शून्य के किनारे पर स्थित है। मौत से कुछ घंटे पहले ही वहां रहने वाले बच्चों में से एक के जन्मदिन की पार्टी आयोजित की गई थी। इस अवसर को एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कैद किया गया था। भला उस मासूम को क्या पता रहा होगा कि वह अपना आखिरी जन्मदिन मना रहा था। उस बच्चे के पिता एक प्रसिद्ध मुक्केबाजी कोच थे जो हमले में पहले ही मारे गए थे।

फौजी की मां बची जिंदा
अधिकांश घायलों को मेचानिकोवा अस्पताल ले जाया गया, जहां मुख्य चिकित्सक सेरही रेज़चेंको ने कहा कि लोग खून और धूल से लथपथ थे, उनके कपड़े फटे हुए थे। उनके शरीर के हर हिस्से में धातु और कंक्रीट के टुकड़े जड़े हुए थे। हालांकि निराशा के बीच खुशी के पल भी आए। पूर्वी यूक्रेन में बखमुत में सेवारत एक सैनिक मक्सिम ओमेलियानेंको यह पता लगाने के लिए निप्रो के पास दौड़ा कि क्या उसकी मां अभी भी जीवित है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, "मुझे पता चला है कि शायद किसी चमत्कार से मेरी मां 9वीं मंजिल पर रसोई के एक टुकड़े में दबी थीं, जो जिंदा बच गई हैं। यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, इमारत को निशाना बनाने वाली मिसाइल ख-22 थी। यूक्रेनी सेना का कहना है कि उसके पास ऐसी मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता नहीं है, जो जहाजों को डुबाने के लिए बनाई गई थीं, न कि अपार्टमेंट इमारतों को नष्ट करने के लिए। हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि हमें रूसीवाद को रोकने के लिए वह सब कुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। निप्रो की इस इमारत को अब युद्ध के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा।

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