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3 वर्ष की उम्र में शुरू किया योग, ...13 वर्ष की उम्र में भारतीय मूल के इस लड़के ने स्वीडन में जीता स्वर्णपदक

भारत मूल के एक दिव्यांग बच्चे ने योग प्रतियोगिता में भारत का डंका बजा दिया है। स्वीडन में 13 वर्षीय ईश्वर शर्मा ने स्वर्ण पदक जीतकर सबको हैरान कर दिया है। गंभीर डिसऑर्डर से पीड़ित ईश्वर शर्मा ने सिर्फ 3 वर्ष की उम्र से ही योग सीखना आरंभ कर दिया था।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 25, 2023 12:40 IST, Updated : Nov 25, 2023 12:40 IST
भारतीय मूल के 13 वर्षीय ईश्वर योग प्रदर्शन करते हुए।
Image Source : FILE भारतीय मूल के 13 वर्षीय ईश्वर योग प्रदर्शन करते हुए।

योग में भारत का दबदबा पूरी दुनिया में यूं ही नहीं है, बल्कि इसके लिए देश के तमाम ऋषि-मुनियों ने अपना पूरा जीवन न्यौछावर किया है। अब देश का बच्चा-बच्चा इस योग परंपरा को पूरी दुनिया में पहुंचा रहा है। भारतीय मूल के एक ऐसे ही बच्चे ने सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में स्वीडन में योग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर भारत की प्रतिभा का एहसास कराया है। दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में रहने वाले भारतीय मूल के ईश्वर शर्मा ने स्वीडन में आयोजित ‘यूरोपियन योग स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप’ में स्वर्ण पदक जीतकर एक और खिताब अपने नाम किया है।

योग प्रतिभा के धनी ईश्वर इससे पहले कई पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। केन्ट के सेवनओक्स में रहने वाले ईश्वर ने 3 साल की उम्र से योग करना शुरू किया था। ईश्वर ने अपने पिता को रोजाना योग करते हुए देखा, जिसके बाद उन्होंने इसका अभ्यास करना शुरू किया और अब तक वह कई पुरस्कार जीत चुके हैं। पिछले सप्ताहांत ईश्वर ने 12-14 वर्ष की श्रेणी में ‘यूरोप कप 2023’ जीता था। यूरोप कप, माल्मो में ‘स्वीडिश योग स्पोर्ट्स फेडरेशन’ के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय योग स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित किया गया था।

ईश्वर के परिवार ने बताया दिव्यांग है बच्चा

ईश्वर के परिवार ने एक बयान में कहा, ''ईश्वर में विशेष रूप से खास जरूरत वाले बच्चों के बीच योग का संदेश फैलाने का बहुत जुनून है।'' ईश्वर ‘ऑटिज्म’ और ‘अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर’ से पीड़ित है। ईश्वर ने कोरोनोवायरस महामारी के वक्त लॉकडाउन के दौरान 14 देशों के 40 बच्चों को रोजाना योग की कक्षाएं दीं, जिसकी वजह से तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उन्हें 'पॉइंट्स ऑफ लाइट' पुरस्कार से सम्मानित किया था। जॉनसन ने जून 2021 में शर्मा को लिखे एक पत्र में कहा था, '' आपने लॉकडाउन के दौरान विश्व स्तर पर सैकड़ों बच्चों को योग करना सिखाया। मैं विशेष रूप से यह सुनकर काफी प्रेरित हुआ कि आपने खास जरूरत वाले बच्चों को योग का आनंद लेने और उत्कृष्टता हासिल करने में कैसे उनकी मदद की।''(भाषा) 

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