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स्विटज़रलैंड में बुर्का पहनने पर देना होगा भारी जुर्माना

स्विटज़रलैंड ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाने के लिए वोट दिया है और यदि कोई भी महिला इस कानून के खिलाफ जाएगी, तो उसे £6,500 का जुर्माना देना होगा। स्विस संसद के स्पष्ट कर देने के

India TV News Desk
Updated on: November 28, 2015 23:17 IST
यहां बुर्का पहनने पर...- India TV Hindi
यहां बुर्का पहनने पर देना होगा भारी जुर्माना

स्विटज़रलैंड ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाने के लिए वोट दिया है और यदि कोई भी महिला इस कानून के खिलाफ जाएगी, तो उसे £6,500 का जुर्माना देना होगा। स्विस संसद के स्पष्ट कर देने के बाद कि ऐसा कानून देश के फेडेरल कानून के अनुसार ही है, टिसिनो (Ticino) की स्थानीय सरकार ने जनमत संग्रह को मंजूरी दे दी।

दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में शुमार स्विटज़रलैंड में अब कोई मुस्लिम महिला कपड़ों की दुकानों, रेस्त्रां या सार्वजनिक इमारतों में बुर्का नहीं पहन सकेंगी और यदि कोई भी इस कानून का उल्लंघन करती मिली, तो उस पर £6,500 का भारी दंड लगाया जाएगा।

स्विस संसद बैंक देश के संघीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है कि शासन के बाद जनमत संग्रह को अपनी मंजूरी दे दी। यूरोप में आतंकवादियों के बढ़ते खतरे और स्थानीय सरकारों द्वारा जारी हाई अलर्ट की वजह से यहां के हर तीन में से दो वोटरों ने बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का जनमत संग्रह में समर्थन किया।

यह कानून केवल उन कपड़ों पर लागू होगा, जो शरीर को सिर से लेकर पैरों तक ढक लेते हैं। यह कानून स्विटज़रलैंड में रहने वाली 40 हज़ार मुस्लिम महिलाओं के अलावा दुनिया भर से यहां आने वाले पर्यटकों पर भी लागू होगा। चेहरे को ढकने वाले अन्य चीज़ों जैसे कि मास्क और क्रेश हेल्मेट पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा और इनका इस्तेमाल पहले की तरह ही किया जा सकेगा।

मतदान से पहले सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, जिसमें मेटल डिटेक्टरों का इस्तेमाल भी किया गया था। संसद में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को कड़ी तलाशी ली गई।

Giorgio Ghiringhelli, जिन्होंने यह प्रस्ताव दिया था, ने कहा कि जनमत संग्रह के फैसले ने स्विटज़रलैंड के कट्टरपंथी मुस्लिमों को संदेश दे दिया है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मिल-जुलकर रहना चाहते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, हम उनका स्वागत करते हैं। "लेकिन जो हमारे मूल्यों पर हमला करते हैं और धार्मिक कानूनों की आड़ में स्विटज़रलैंड में एक समानांतर समाज का निर्माण करने की कोशिशों में जुटे हैं, हम उनका स्वागत नहीं करते। "

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे "टिसिनो में मानवाधिकारों का काला दिन" कहा है। टिसिनो से पहले फ्रांस में भी ऐसा ही एक कानून बनाया गया था, जिसे यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन  राइट्स ने जायज़ ठहराया था।

फ्रांस की संसद में बुर्का पर 2010 में प्रतिबंध लगाने के कानून को पास किया गया था। इसका इस्लामिक संगठनों ने भेदभाव वाला कानून बताकर विरोध किया था। बुर्का पहनने पर महिला पर £150 का जुर्माना कर दिया जाता है। फ्रांस में मुस्लिमों की संख्या पूरे पश्चिमी यूरोप में सबसे ज़्यादा है। बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी मिलते-जुलते कानून बनाए गए हैं।

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