लंदन: बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले महत्वपूर्ण नेताओं में से एक का कहना है कि इस काम में मदद के लिए वह भारत जैसे मित्र राष्ट्रों से संपर्क करेंगे। औपचारिक रूप से ‘हिज हाईनेस द खान ऑफ कलत’ कहे जाने वाले अमीर अहमद सुलेमान दाउद ने पिछले वर्ष लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में बलूचिस्तान का मसला आने का स्वागत किया।
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शुक्रवार को लंदन में मीडिया से बातचीत के दौरान दाउद ने कहा, ‘भारत क्षेत्रीय शक्तियों में से एक है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री मोदी की बात लंबे समय में पड़ोसियों से आने वाली पहली सकारात्मक आवाज है और हम इस हस्तक्षेप का स्वागत करते हैं। हमें पता है कि हमारे पास दोस्त हैं।’ मोदी के भाषण में बलूचिस्तान की जनता का जिक्र आने की पाकिस्तान ने आलोचना की थी। मोदी के संबोधन में इस जिक्र को बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में अप्रत्यक्ष समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।
क्षेत्रीय नीति में महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत देते हुए मोदी ने कहा था, ‘पिछले कुछ दिनों में, बलूचिस्तान, गिलगित, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के लोगों ने मुझे धन्यवाद दिया है, कृतज्ञता जताई है और मुझे शुभकामनाएं दी हैं।’ दाउद पिछले कुछ वर्षों से ब्रिटेन के वेल्स में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं।