Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. यूरोप
  4. WHO ने नए कोरोना वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन क्यों रखा? सामने आया शी जिनपिंग कनेक्शन

WHO ने नए कोरोना वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन क्यों रखा? सामने आया शी जिनपिंग कनेक्शन

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखा गया है। क्या आपने सोचा है कि इसका नाम ओमीक्रोन ही क्यों रखा गया है? क्या आप सोच सकते हैं कि कोरोना के इस नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखे जाने का कोई कनेक्शन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हो सकता है?

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : November 29, 2021 21:31 IST
WHO ने नए कोरोना वेरिएंट...
Image Source : PTI WHO ने नए कोरोना वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन क्यों रखा? सामने आया शी जिनपिंग कनेक्शन

Highlights

  • ओमीक्रोन एक ग्रीक शब्द है, जो ग्रीक अक्षरों में 15वें नंबर पर आता है
  • दुनिया में कोरोना के 12 वेरिएंट थे, इसीलिए नए वेरिएंट का नाम 13वें ग्रीक अक्षर पर होना चाहिए था
  • WHO ने 15वें ग्रीक अक्षर ओमीक्रोन पर रखा नए वेरिएंट का नाम

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखा गया है। क्या आपने सोचा है कि इसका नाम ओमीक्रोन ही क्यों रखा गया है? क्या आप सोच सकते हैं कि कोरोना के इस नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखे जाने का कोई कनेक्शन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हो सकता है? इस रिपोर्ट को पढ़ेंगे तो आप समझेंगे कि यह दोनों सवाल आपसे क्यों किए गए।

दरअसल, ओमीक्रोन एक ग्रीक शब्द है। यह ग्रीक अक्षरों में 15वें नंबर पर आता है। नया कोरोना वेरिएंट मिलने तक दुनिया में कोरोना के केवल 12 वेरिएंट मौजूद थे यानी नए वेरिएंट का नाम 13वें ग्रीक अक्षर पर होना चाहिए था। 13वें नंबर पर नू (Nu) या 14वें नंबर पर शी (Xi) नाम दिया जाना चाहिए था। लेकिन, WHO ने इसका नाम सीधे 15वें ग्रीक अक्षर ओमीक्रोन पर रख दिया।

कोरोना के 12 वेरिएंट्स के नाम ग्रीक अक्षरों में- अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, एप्सिलोन, जेटा, एटा, थेटा, आयोटा, कप्पा, लैम्ब्डा और मू हैं। इसके बाद 13वें कोरोना वेरिएंट का नाम 13वें अक्षर पर दिया जाना चाहिए था या फिर अगर उसमें कोई परेशानी थी तो 14वें अक्षर के नाम पर देना चाहिए था लेकिन WHO ने 13वें और 14वें दोनों ही अक्षरों को छड़कर सीधे 15वें अक्षर पर रख दिया।

ग्रीक अक्षरों में 13वें नंबर पर नू (Nu) अक्षर आता है और 14वें नंबर पर शी (Xi) अक्षर आता है। जब दुनिया भर में सवाल उठने शुरू हुए कि इन दो अक्षरों को क्यों छोड़ा गया तब WHO ने बड़ा सटीक जवाब दिया। WHO के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा कि नू (Nu) और शी (Xi) बेहद कॉमन अक्षर हैं। कई देशों में इनका उपयोग नाम के आगे या पीछे होता है। 

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि शी (Xi) अक्षर का उपयोग इसलिए नहीं किया गया क्योंकि यह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) का नाम है। WHO का नियम है कि वायरस का नाम किसी व्यक्ति, संस्था, संस्कृति, समाज, धर्म, व्यवसाय या देश के नाम पर नहीं दिया जाता है ताकि किसी की भावना आहत न हो।

वहीं, नू (Nu) अक्षर को लेकर कहा गया कि यह इंग्लिश के न्यू (New) शब्द से मिलता-जुलता है। इनका उच्चारण भी लगभग एक जैसा है। लोग उच्चारण के समय कन्फ्यूज न हों इसलिए इस 13वें ग्रीक अक्षर का उपयोग कोरोना के नए वेरिएंट का नाम देने में नहीं किया गया। खैर इस पूरे मामले में जैसे ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नाम आया तो आरोप लगने लगे कि WHO चीन की सरकार से डरता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि 'अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने कहा कि ऐसा लगता है, WHO चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से डरता है। वो एक वैश्विक आपदा को पहले भी छिपाने का प्रयास कर चुका है। गलतियां करने के बाद उसे सुधारने के बजाय कवर अप किया है।' हालांकि, अभी तक चीन की तरफ से नए वेरिएंट के नामकरण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement