पेरिस: संदिग्ध रासायनिक हमले की जांच में सीरिया सरकार के सहयोग की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र के मसौदा प्रस्ताव को रूस द्वारा वीटो कर दिए जाने की फ्रांस ने आलोचना की है। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कार्यालय ने कल एक बयान में कहा, सीरिया के मुद्दे पर एक बहुपक्षीय प्रतिक्रिया का व्यवस्थागत विरोध जताने के बाद अब जवाबदेही रूस की होगी। रूस ने ऐसा अपने सहयोगी असद को बचाने के लिए किया है।
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बयान में कहा गया कि उक्त प्रस्ताव चार अप्रैल को इदलिब प्रांत में किए गए रासायनिक हमलों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स द्वारा एक त्वरित एवं पूर्ण जांच की अनुमति देने के लिए तैयार किया गया था।
बयान में कहा गया कि सुरक्षा परिषद में बहुमत का विरोध करने के लिए रूस ने आठवीं बार इस तरह से वीटो करने का फैसला लिया है। इसमें कहा गया, सीरिया में राजनीतिक सत्तांतरण के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एकसाथ आगे आने से ही इस युद्धरत देश में शांति, स्थिरता और संप्रभुता बहाल हो सकेगी। फ्रांस इस दिशा में बढ़ना जारी रखेगा।