हेलसिंकी: अमेरिका और रूस के बीच कोल्ड वॉर की पुरानी यादें एक बार फिर से ताजा होने लगी हैं। दोनों ही देशों के बीच संबंध कोल्ड वॉर के दौर जितने खराब तो नहीं, लेकिन हो सकता है कि अमेरिका के एक कदम ने इसकी शुरुआत कर दी हो। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका के नवीनतम कदम से देश के लिए नए खतरे पैदा हो गए हैं और वह मॉस्को में इस बाबत प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे। आपको बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में एक नई मिसाइल का परीक्षण किया है।
‘अमेरिका के परीक्षण ने रूसी सरकार को किया निराश’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्टो के साथ बुधवार को हेलसिंकी में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान पुतिन ने कहा कि 1987 के इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्स (INF) संधि को औपचारिक रूप से त्यागने के तीन सप्ताह से भी कम समय के भीतर अमेरिका ने नए हथियार का परीक्षण कर के रूसी सरकार को निराश किया है। पुतिन ने कहा, ‘संधि को छोड़ने के तुरंत बाद ही अमेरिका ने सी-लॉन्च मिसाइल का परीक्षण किया। इसका सीधा मतलब है कि वे इस कदम को लेकर पहले से ही तैयारी कर रहे थे।’
‘अमेरिका ने पैदा किए नए खतरे’
पुतिन ने कहा, ‘रूस के लिए अमेरिकी परीक्षण नए खतरों के उद्भव का संकेत देता है, जिस पर हम तदनुसार प्रतिक्रिया करेंगे।’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आईएनएफ संधि के तहत, अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ ने 500-5,471 किलोमीटर की सीमा के साथ भूमि आधारित मिसाइलों के निर्माण और तैनाती से इनकार करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। इस कदम से अल्पकालिक सूचना पर दोनों देशों के लिए परमाणु हमले शुरू करना बहुत मुश्किल हो गया था।