कातोविस: विभिन्न देशों से ‘राजनीतिक समझौते’ और ‘त्याग’ करने की अपील करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को सरकारों से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समान आधार ढूंढ़ने की अपील की। पेरिस समझौते के क्रियान्वयन दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने के लिए पोलैंड के कातोविस में हो रही जलवायु परिवर्तन वार्ता में दुनियाभर से जुटे देशों के बीच बातचीत जारी है। गुतारेस ने माना कि सहमति पर पहुंचने के लिए कठोर राजनीतिक निर्णय लेने की जरूरत है और यह सर्वसम्मति कायम करने का वक्त है।
उन्होंने कहा, ‘यह राजनीतिक समझौतों पर पहुंचने का वक्त है। इसका मतलब त्याग है लेकिन इसका हम सभी को लाभ मिलेगा। मैं आपको साथ मिलकर काम करने की चुनौती देता हूं। मैं आपको तेजी से इस काम को पूरा कर लेने की चुनौती देता हूं। और मैं आपको सभी मोर्चों पर महत्वाकांक्षा ऊपर उठाने की चुनौती देता हूं।’ उन्होंने उल्लेख किया कि 2016 में मोरक्को के मर्रकेच शहर में सीओपी 22 में पेरिस समझौते कार्य कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की समयसीमा देशों का खुद का लक्ष्य थी।
गुतारेस ने कहा कि संधि और पेरिस समझौता दोनों इस बात को मान्यता देते हैं कि सभी देशों की अलग-अलग सचाइयां, क्षमताएं और परिस्थितियां हैं। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग का समाधान ढूंढ़ने का दायित्व रखने वाले 195 देशों के संयुक्त राष्ट्र फोरम में प्रतिनिधियों से कहा, ‘हमें एक फॉर्मूला ढूंढ़ना चाहिए जो सभी देशों की जिम्मेदारियों को संतुलित करे। यह हमें ऐसी व्यवस्था देगा जो सभी के लिए उचित और प्रभावी होगी।’ उन्होंने कहा कि समयसीमा को पूरा करने का मतलब है कि देश पेरिस समझौते की पूरी संभावनाओं का द्वार तत्काल खोल सकते हैं तथा निम्न उत्सर्जन जलवायु अनुकूल भविष्य के अपने वादे की दिशा में आग बढ़ सकते हैं।
गुतारेस ने यहां सीओपी-24 में तलानोआ वार्ता के उच्चस्तरीय खंड के समापन पर कहा, ‘यहां कातोविस में विफल होने से उन्हें गलत संदेश जाएगा जो एक हरित अर्थव्यवस्था की ओर जाने को तैयार हैं। इसलिए मैं आपसे समान आधार ढूंढ़ने की अपील करता हूं जो हमें विश्व को यह दिखाने की अनुमति देगा कि हम सुन रहे हैं, हम देखभाल करते हैं।’ धन संबंधी विभिन्न मुद्दों पर देशों के बीच मतभेदों के संबंध में UN प्रमुख ने कहा कि विकसित देशों को मिलकर अपना योगदान 2020 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना चाहिए।