लंदन: ईरानी जहाज के भारतीय कप्तान ने कहा कि ब्रिटिश सैनिकों ने जब उनके (ईरानी) जहाज को बंधक बनाया तब उन्होंने ‘‘बर्बर’’ व्यवहार किया था। इस महीने की शुरुआत में रॉयल मरीन ने ईरानी जहाज को बंधक बना लिया था। मीडिया में मंगलवार को आई खबर के अनुसार जिब्राल्टर के अधिकारियों ने चार जुलाई को रॉयल मरीन की मदद से ईरान के ‘ग्रेस 1’ टैंकर को बंधक बना लिया था क्योंकि उन्हें संदेह था कि वह जहाज यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर दो लाख बैरल से अधिक का कच्चा तेल सीरिया ले जा रहा था।
जहाज के सेलिंग (नौकायन) मास्टर और मुख्य अधिकारी दोनों भारतीय थे। उन्हें भी यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें ‘‘सशर्त जमानत’’ दे दी गयी। भारतीय कप्तान ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर ‘बीबीसी’ को बताया कि हेलीकॉप्टर से जहाज पर उतरने के बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने बंदूक का भय दिखाकर उनके निहत्थे चालक दल के सदस्यों को जहाज के डेक पर घुटनों के बल बैठाये रखा।
उसने बताया कि उसने खुद को कप्तान बताया लेकिन मरीन ने इसकी अनदेखी की और बजाय इसके उन्होंने उन पर बंदूकें तान दीं और उन पर चिल्लाते हुए कहा, ‘‘आगे देखो, आगे देखो’’। उन्होंने बताया, ‘‘कोई नियम नहीं था, हम 28 निहत्थे चालक दल के सदस्य थे। मैं स्तब्ध था, हर कोई स्तब्ध था।’’