ब्रसल्स: ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में ब्रेक्जिट की शर्तों पर ऐतिहासिक करार हो गया है। यानी ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की शर्तों पर सहमति बन गई है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे आज सुबह इस बारे में बातचीत के लिए ब्रसल्स पहुंची। यूरोपीय आयोग ने कहा कि इस अलगाव के मुद्दे पर ब्रिटेन ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इसमें आयरलैंड की सीमा, संबंध विच्छेद के संबंध में ब्रिटेन के विधेयक और नागरिकों का अधिकार संबंधी शर्तें शामिल है। इस करार से 14-15 दिसंबर को यूरोपीय संघ के नेताओं का दूसरे चरण की ब्रेक्जिट वार्ताओं का रास्ता खुल गया है। इसमें व्यापार और बदलाव की अवधि के बारे में बातचीत होगी।
ब्रिटेन ने जून 2016 में यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में मतदान किया था। करीब चार दशक की सदस्यता के बाद ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का फैसला किया था। हालांकि, इस दिशा में बातचीत अभी सुस्त रफ्तार से चल रही है। यूरोपीय आयोग ने बयान में कहा, ‘‘आयोग इस बात से संतुष्ट है कि तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।’’
यूरोपीय संघ ने सोमवार को वार्ता टूट जाने के बाद रविवार की समयसीमा तय की थी। उस समय प्रधानमंत्री मे के उत्तरी आयरलैंड के सहयोगियों ने आयरलैंड सीमा को लेकर भविष्य की व्यवस्था पर आपत्ति जताई थी। ब्रिटेन ने इस समझौते के तहत यूरोपीय संघ से अलग होने पर 45 से 55 अरब यूरो के भुगतान की सहमति दी है। साथ ही में ने ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन में रह रहे 30 लाख यूरोपीय नागरिकों के अधिकारो का संरक्षण करने का भी भरोसा दिलाया है।