लंदन. यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल महीने के अंत में भारत आएंगे। यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने के बाद ये उनका पहला बड़ा इंटरनेशल दौरा होगा। इस बात की जानकारी उनके कार्यालय की तरफ से दी गई। बोरिस जॉनसन अपनी इस भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौते होने की बात कही जा रही है। बता दें कि इससे पहले बोरिस जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस 26 जनवरी पर नई दिल्ली आने वाले थे लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस स्ट्रेन के प्रकोप की वजह से उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था।
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तब जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर महामारी की स्थिति के कारण अपना दौरा रद्द करने के लिए खेद प्रकट किया था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। पिछल महीने भारत में नियुक्त किए गए ब्रिटेन के नए उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने बताया था कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की नई दिल्ली की यात्रा के लिए तैयारी की जा रही है। साथ ही, जी 7 और कॉप26 सम्मेलनों के लिए भारत का स्वागत करना तत्काल प्राथमिकताएं हैं। ब्रिटेन ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के कोर्नवाल क्षेत्र में जून में होने वाले जी 7 सम्मेलन में शरीक होने का न्योता दिया।
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जॉनसन करेंगे जी-7 नेताओं की डिजिटल बैठक की मेजबानी
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जून में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जून में कॉर्नवल में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है। ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है।पढ़ें- कंप्यूटर से बीटेक या बीसीए तो सीसीसी न होने पर भी योग्य माना जाएगा अभ्यर