Friday, November 22, 2024
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बोरिस जॉनसन ने भारत-चीन गतिरोध को ‘बेहद गंभीर, चिंताजनक स्थिति’ करार दिया, वार्ता की अपील की

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को ‘बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति’ बताते हुए भारत और चीन से अपने सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आह्वान किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 25, 2020 12:03 IST
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Image Source : AP FILE UK PM Boris Johnson terms Ladakh face-off ‘very serious, worrying situation’.

लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को ‘बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति’ बताते हुए भारत और चीन से अपने सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। हाउस ऑफ कॉमन्स में बुधवार को साप्ताहिक ‘प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चंस’ के दौरान जॉनसन का यह पहला आधिकारिक बयान आया है। कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद फ्लिक ड्रुमंड ने ‘एक राष्ट्रमंडल सदस्य और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र’ के बीच विवाद से ब्रिटेन के हितों पर पड़ने वाले असर को लेकर सवाल पूछा था।

फ्लिक ड्रुमंड के सवाल का जवाब देते हुए जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को ‘बहुत गंभीर और चिंताजनक स्थिति’ बताया और कहा कि इस पर ब्रिटेन करीब से नजर रख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संभवत: सबसे अच्छी बात मैं कह सकता हूं कि हम दोनों पक्षों को सीमा पर मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।’ बता दें कि कुछ सप्ताह पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित हो गए थे और कुछ ही दिन पहले काम पर वापस लौटे हैं।

वहीं, नई दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों के हटने पर पहले बनी सहमति के शीघ्र कार्यान्वयन पर सहमत हुए ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल सुनिश्चित करने में मदद मिल सके। दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राजनयिक स्तर पर वार्ता की।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की गई और भारतीय पक्ष ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे, और चीन के भी कुछ सैनिक मारे गए थे।

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