लंदन: ब्रिटेन में अगले सप्ताह से पूरे देश में फाइजर की कोरोना वैक्सीन को लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। Pfizer-BioNTech कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। इससे पहले जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक और उसकी साझेदार अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने ‘यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी’ के समक्ष कोरोना वायरस के उनके टीके को मंजूरी के लिए एक आवेदन सौंपा था। इस आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इन दोनों कंपनियों को हरी झंडी दी गई है। फाइजर और बायो-एनटेक का कोविड-19 टीका तीसरे चरण के परीक्षण के अंतिम विश्लेषण में 95 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया था और कंपनी ने दावा किया था कि यह 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर भी कारगर है।
वर्तमान अनुमान के आधार पर कंपनियों को उम्मीद है कि वे वैश्विक स्तर पर 2020 तक टीके की पांच करोड़ खुराक का उत्पादन कर लेंगी और 2021 के अंत तक यह उत्पादन 130 करोड़ खुराक तक पहुंच सकता है। इससे दो दिन पहले मॉडर्ना कंपनी ने घोषणा की थी उसके द्वारा बनाया जा रहा टीका 94.5 प्रतिशत तक प्रभावी है। फाइजर और बायो-एनटेक के अनुसार आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि संभावित टीका उन प्रतिभागियों में 95 प्रतिशत तक प्रभावी है जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ। संभावित टीके का प्रभाव उन लोगों में भी देखा गया जो संक्रमण के शिकार हुए थे। प्रतिभागियों को दूसरी खुराक देने के सात दिन बाद परीक्षण किया गया।
कंपनियों ने कहा कि पहला विश्लेषण कोविड-19 के 170 मामलों पर आधारित था जिनमें से संक्रमण के 162 मामले ‘प्लेसिबो’ समूह के थे और आठ ‘बीएनटी 162बी2’ समूह के थे। उन्होंने कहा कि सभी आयु, लिंग और नस्ल के लोगों पर संभावित टीका कारगर सिद्ध हुआ तथा 65 साल से ऊपर के लोगों पर यह 94 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया। फाइजर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ अल्बर्ट बुर्ला ने कहा, “इस अध्ययन के नतीजों से आठ महीने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव आया है। हम इस घातक महामारी का अंत करने के लिए टीके के निर्माण में लगे हैं। हम विज्ञान की गति से चल रहे हैं और अब तक एकत्र किए गए सभी आंकड़ों को विश्व भर के नियामकों से साझा कर रहे हैं।”