नई दिल्ली: नाटो देशों के समिट में पहुंच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने नाटो के ही सदस्य देश जर्मनी पर कड़ी प्रतिक्रिया देकर हड़कंप मचा दिया है। ट्रंप ने जर्मनी को रूस का गुलाम बता दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के जर्मनी को लेकर दिए इस बयान पर जर्मनी ने इसका विरोध किया है तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस पर बहस छिड़ गई है। हालांकि ट्रंप ने अपने विवादित बयान के लिए तर्क भी पेश किया है।
ट्रंप ने एक बैठक के दौरान नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग को बताया कि जर्मनी रूस का गुलाम है क्योंकि वो वहां से ऊर्जा समेत तमाम चीजें आयात करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ब्रुसेल्स में एक शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को ये बातें नाटो प्रमुख के साथ हुई द्विपक्षीय मीटिंग के दौरान कहीं।
दरअसल ये पूरा मामला बाल्टिक सागर में रशिया के गैस पाइप लाइन बिछाने को लेकर है। जानकारी के मुताबिक जर्मनी और रूस के बाल्टिक सागर में गैस पाइप लाइन बिछाने के मुद्दे पर नाटो के कई देश असहमत हैं। इसके अलावा अमेरिका ने पहले चेतावनी दी है कि अगर परियोजना आगे बढ़ती है तो वो इस पर प्रतिबंध लगा सकता है।
दूसरी तरफ ट्रंप के बयान को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जर्मनी रूस के इशारे पर काम नहीं करता है। तनातनी के बीच नाटो की बैठक में शामिल होने के लिए ब्रूसेल्स पहुंचीं एंजेला मार्केल ने कहा कि जर्मनी अपने फैसले खुद लेता है।
जर्मनी को रूस का गुलाम करार देने के बावजूद ट्रंप जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले ट्रंप ने जर्मनी पर आरोप लगाया था कि वो सामूहिक सुरक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहा। इससे नाटो के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए अमेरिका पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है। बता दें कि नाटो एक सैन्य गठबंधन है जिसका मुखिया अमेरिका है।