बर्लिन: जर्मनी यूरोप के उन बड़े देशें में शामिल है जो कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह जूझ रहे हैं। देश में कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के बावजूद करीब 17,000 लोगों ने महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लगाए गए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के खिलाफ बर्लिन की सड़कों पर रैली निकाली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को विस्तृत सड़क पर रैली आयोजित करने से पहले सेंट्रल बर्लिन के जरिए लैंडमार्क ब्रांडेनबर्ग गेट से मार्च किया, हालांकि पुलिस ने रैली को रोक दिया।
प्रदर्शनकारी बोले, हम कोरोना की दूसरी लहर हैं
पुलिस का कहना था कि आयोजक सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों का पालन सुनिश्चित कराने में असमर्थ थे। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नियमों के पालन में विफल रहने को लेकर आयोजकों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई। कई प्रदर्शनकारियों ने मास्क नहीं पहने और सामाजिक दूरी के नियमों की अवहेलना की। इसके अलावा जिन्होंने मास्क पहना भी था, उन्हें कुछ लोग मास्क हटाने के लिए चिल्ला रहे थे। वहीं सरकार की कोविड-19 के दूसरी लहर का उल्लेख करते हुए कुछ प्रदर्शनकारी 'हम दूसरी लहर हैं,' जैसे नारे भी लगा रहे थे।
लोग उड़ा रहे हैं सरकारी नियमों की धज्जियां
जर्मनी ने मार्च के मध्य में सख्त लॉकडाउन लागू किया था और अप्रैल के अंत से इसे कम करना शुरू किया गया था। हालांकि, बड़े सार्वजनिक समारोहों पर अभी भी प्रतिबंध है, और सभी दुकानों और सार्वजनिक परिवहन के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य है। बता दें कि जर्मनी समेत कई देशों में लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। कई लोगों का तो यहां तक कहना है कि ऐसा करके सरकारें जनता पर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहती हैं और उनकी आजादी छीनना चाहती हैं। यही वजह है कि इन देशों में लोग सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।