लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार में गृह मंत्री की भूमिका निभाने वाली टेरेसा मे बुधवार को देश के नए प्रधानमंत्री का पदभार संभालेंगी। कैमरन ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि टेरेसा मे प्रधानमंत्री होंगी। उनको कंजरवेटिव संसदीय दल का भरपूर समर्थन हासिल है। वह मजबूत हैं, वह सक्षम हैं, वह आने वाले वर्षों में हमारे देश को वो नेतृत्व प्रदान करने सक्षम हैं जिसकी जरूरत होगी।’’
कैमरन ने कहा कि वह मंगलवार को अपनी आखिरी कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करेंगे और बुधवार को प्रधानमंत्री के तौर पर आखिरी बार हाउस ऑफ कॉमन में जाएंगे। इसके बाद वह महारानी एलिजाबेथ II को आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सौंपने के लिए बकिंघम पैलेस जाएंगे। उन्होंने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बुधवार शाम तक मेरे पीछे की इमारत में नया प्रधानमंत्री होगा।’’
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बीते 23 जून को जनमत संग्रह में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में फैसला आने के बाद कैमरन ने पद छोड़ने का ऐलान किया था। ब्रिटेन में 59 साल की टेरेसा दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनेंगी। इससे पहले मार्गरेट थैचर प्रधानमंत्री रहीं थीं। इससे पहले दिन में टेरेसा की एकमात्र प्रतिद्वंद्वी आंदिया लीडसम ने कंजरवेटिव संसदीय दल का नेता बनने की उम्मीदवारी वापस ले ली। उनके इस नाटकीय कदम के बाद टेरेसा का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
कैमरन मंत्रिमंडल में ऊर्जा मंत्री की भूमिका निभाने वाली आंद्रिया ने टेरेसा मे का समर्थन किया। आंद्रिया ने कहा, ‘‘एक मजबूत और भरपूर समर्थन वाले प्रधानमंत्री की तत्काल नियुक्ति से हमारे देश के हितों की रक्षा की जा सकेगी। ऐसे में मैं नेतृत्व के चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस ले रही हूं। मैं टेरेसा मे की बहुत अधिक सफलता की कामना करती हूं। मैं उनको पूरे सहयोग का विश्वास दिलाती हूं।’’
इस 53 वर्षीय टोरी सांसद ने कहा, ‘‘हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ हितों ने मुझे अपने नेतृत्व के लिए खड़ा होने को प्रेरित किया। मेरा मानना है कि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद उज्वल भविष्य हमारा इंतजार कर रहा है। जनमत संग्रह के नतीजे ने बदलाव की स्पष्ट अकांक्षा को प्रस्तुत किया है।’’
कंजरवेटिव सांसदों की 1922 समिति के प्रमुख ग्राहम ब्रैडी ने संवाददाताओं से कहा कि टेरेसा मे अब एकमात्र उम्मीदवार बच गई हैं और ऐसे में उनके नेता बनने का महज औपचारिक ऐलान होना बाकी है। बाद में कैमरन के बयान से पुष्टि हो गई कि अब कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व को लेकर आगे मुकाबले की जरुरत नहीं है।