लंदन: प्रधानमंत्री टेरीजा मे के 2 करीबी सलाहकारों, निक टिमोथी और फियोना हिल, ने कंजर्वेटिव पार्टी को मिली चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए शनिवार को इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत खो दिया है। ये दोनों लोग मे के करीबी विश्वस्त थे। हालांकि, मध्यावधि चुनाव कराने को लेकर मे को सहमत करने के लिए ये दोनों जिम्मेदार थे जिसके चलते इनकी आलोचना हो रही है। दरअसल, इन दोनों ने दावा किया था कि मध्यावधि चुनाव में प्रधानमंत्री को शानदार जीत मिलेगी।
खबरों के मुताबिक मे को उनके पार्टी सहकर्मियों ने यह अल्टीमेटम दिया था कि यदि वह सोमवार को अपने नेतृत्व को चुनौती दिए जाने से बचना चाहती हैं तो उन्हें इन दोनों को हटाना होगा। इन दोनों को मे के चुनाव प्रचार का श्रेय जाता है जिसमें कैबिनेट की बजाय पूरी तरह से मे पर ध्यान केंद्रित किया गया। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए एक बयान में टिमोथी ने कहा कि स्पष्ट रूप से आमचुनाव का नतीजा काफी निराशाजनक है। मैं इस चुनाव प्रचार की अपनी ओर से जिम्मेदारी लेता हूं। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नीतिगत मामलों में उनकी भूमिका के बारे में मीडिया में आई खबरें गलत हैं। यह उनकी खुद की परियोजना नहीं थी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कंजरवेटिव पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान लेबर पार्टी को मिल रहे समर्थन को भांपने में नाकाम रही। बहरहाल, इन दोनों सलाहकारों के हटने से मे पर दबाव कुछ कम होगा। मे पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के सहकर्मियों की अनदेखी की और एकपक्षीय तरीके से फैसले लिए। इस बीच, प्रधानमंत्री ने आज अपने कैबिनेट मंत्रियों के नाम को अंतिम रूप देना शुरू किया और अपनी अल्पमत सरकार के लिए डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के समर्थन की रूपरेखा तय करने के लिए बातचीत की।
कैबिनेट के कई पदों के पूर्ववत रहने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इनमें वित्त मंत्री के रूप में फिलिप हामोंद, अंबर रड (गृह मंत्री), बोरिस जॉनसन (विदेश मंत्री), डेविड डेविस (ब्रेक्जिट मंत्री) और माइकल फालोन (रक्षा मंत्री) का नाम शामिल है। उन्होंने कैबिनेट में भारी फेरबदल की योजना कथित तौर पर छोड़ दी है। इस सप्ताहांत में अपनी नई मंत्रालयी टीम से उनके मिलने की उम्मीद है। मे ने डीयूपी के उत्तर आयरलैंड सासंदों के सहयोग से सरकार का नेतृत्व करने के इरादे की कल घोषणा की थी।