पेरिस: उत्तर फ्रांस में एक गिरजाघर में हुए आतंकवादी हमले से यूरोप के लाखों लोगों में आतंकवाद के खतरे का डर समा गया है। मंगलवार सुबह उत्तरी फ्रांस के रोएन के समीप एक गिरजाघर में हुए इस हमले के प्रति शोक जताने के लिए कई लोग 'मॉर्निग मास' में इकट्ठा हुए। इस्लामिक स्टेट (IS) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
सेंट-एतिएने-दू-रौवरे में एक गिरजाघर में घुसे दो आतंकवादियों ने लोगों को बंधक बना लिया था। इसमें एक पादरी की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति की हालत नाजुक है। उल्लेखनीय है कि घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने के बाद कई गोलियों की आवाजें सुनाई दी। बंधक बनाने वाले दोनों व्यक्तियों को मार गिराया गया। हालांकि, यह हमला ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन लोगों में इस बात का डर समा गया है कि आतंकवादी फ्रांस और यूरोप में अपनी जड़ें मजबूत कर ली हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने उत्तर फ्रांस में एक गिरजाघर को निशाना बनाकर किए गए भीषण आतंकवादी हमले की निंदा की। घटनास्थल पर पहुंचे ओलांद ने कहा कि दोनों हमलावरों ने इस्लामिक स्टेट (IS) के साथ संबंध होने का दावा किया है।
उन्होंने कहा, "खतरा बेहद अधिक है। हम आईएस का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने हमारे खिलाफ लड़ाई की घोषणा कर रखी है। हमें उनसे हर तरीके से निपटना है"।ओलांद ने लोगों से एकजुट होने को कहा, क्योंकि आतंकवादी हमें बांटना चाहते हैं।
फ्रांस नीस शहर में 14 जुलाई के हमले के बाद से हाई अलर्ट पर है, जब एक व्यक्ति ने बास्तील डे के उत्सव के लिए जुटी भीड़ को एक ट्रक से रौंद दिया था। इस घटना में 84 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से भी अधिक घायल हो गए थे।