नई दिल्ली: कहा जाता है कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते है उन्हें शिक्षक या अभिभावकों द्वारा जिस आकार में ढाला जाता है वे ढल जाते है। लेकिन ब्रिटेन के थोमंस टैलिस स्कूल में कुछ दिनों पहले स्कूल के 60 नाबालिक छात्रों से एक-एक सुसाइड नोट लिखने को कहा गया। स्कूल में छात्रों के जिस समूह को यह सुसाइड नोट लिखने को कहा गया था उनमें से कुछ बच्चे ऐसे थे जिनके किसी दोस्त ने कुछ समय पहले ही खुदखुशी की थी।
यहीं नहीं इस समूह की एक छात्रा की मां ने बताया कि हाल ही में उनकी बेटी के 3 दोस्तों ने आत्महत्या की और जब मेरी बेटी से यह सुसाइड नोट लिखने को कहा गया तब वह अपने दोस्तों की मौत को याद करके बहुत दुखी हुई। महिला का कहना है कि छात्रों को इस तरह के काम नहीं दिए जाने चाहिए, इससे बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।
सुसाइड नोट को लिखने वाले छात्र शेक्सपियर के मशहूर नाटक मैकबेथ को पढ़ रहे थे। उन्हें यह काम अंग्रेजी क्लास के दौरान दिया गया था। इस नोट को लिखने के बाद छात्रों के अभिभावकों द्वारा विरोध किया गया। जिससे शर्मिंदा होकर स्कूल के प्रिंसिपल ने सभी अभिभावकों से माफी भी मांगी। एक अन्य अभिभावक ने कहा बच्चों द्वारा सुसाइड नोट लिखना बिल्कुल सही नहीं है, जिस शिक्षक द्वारा यह दिया गया है वे अभी पूरी तरह बच्चों को पढ़ाने के योग्य नहीं है, उसे ट्रेनिंग के लिए वापस भेज दिया जाना चाहिए।
स्कूल द्वारा बच्चों से यह सुसाइड नोट पहली बार नहीं लिखवाया गया था बल्कि स्कूल यह काम पहले दो क्लास के बच्चों को भी दे चुका है। कहा जा रहा है कि शिक्षक द्वारा किए गए इस हरकत के बाद स्कूल प्रशासन बहुत शर्मिंदा है इसके साथ ही शिक्षक पर कार्यवाही किए जाने की बात चल रही है।