रोम: भूमध्य सागर में बचाव पोत पर सवार 6 प्रवासियों ने किसी देश के शरण न देने से हताश होकर खुदकुशी करने की कोशिश की। वहीं, हालात तब बेकाबू होते नजर आए जब कुछ अन्य प्रवासियों ने साथी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को धमकाने की कोशिश की। ‘ओशन वाइकिंग’ पोत का परिचालन करने वाले परमार्थ संगठन ‘एसओएस मेडिटरेनी’ ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि पोत में खराब होते हालात के मद्देजनर इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है।
पोत पर सवार हैं कुल 180 प्रवासी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, समंदर में फंसे इस पोत पर कुल 180 प्रवासी सवार हैं। संगठन ने कहा कि उसने बंदरगाह में प्रवेश की अनुमति दिए जाने के 7 अनुरोध किए हैं, लेकिन इटली और माल्टा ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इटली और माल्टा में से किसी भी देश की सरकार ने कथित रूप से इनकार किए जाने को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इन प्रवासियों को 25 जून से 30 जून के बीच चार अभियानों के दौरान तस्करी करने वाले लोगों से सागर में असुरक्षित नौकाओं से बचाया गया था।
‘मनौवैज्ञानिक दबाव में हैं प्रवासी’
संगठन ने बताया कि बचाए गए लोगों में एक गर्भवती महिला और 25 अवयस्क हैं, जिनमें से 17 लोग किसी संबंधी या संरक्षक के बिना यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोत में सवार 6 लोगों ने कथित रूप से खुदकुशी करने की कोशिश की। संगठन ने कहा कि किसी देश द्वारा शरण नहीं दिए जाने के कारण प्रवासी मनोवैज्ञानिक दबाव झेल रहे हैं और हताशा में आत्महत्या की कोशिश, झगड़ा करने और लोगों को धमकाने जैसे कदम उठा रहे हैं।