जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सोमवार को अमेरिका से अनुरोध किया कि वह अपनी सीमा पर प्रवासी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग न करे। अमेरिका की इस नीति को ‘बहुत गलत’ बताते हुए जीद राड अल हुसैन ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसी देश द्वारा बच्चों को इस प्रकार से प्रताड़ित करके माता पिता को डराकर रोकने का प्रयास करना अच्छी बात नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू ‘जीरो टॉलरेंस’ सीमा सुरक्षा नीति की दुनियाभर में निंदा हुई है।
सरकार ने कहा है कि हाल में 6 सप्ताह की अवधि में करीब 2 हजार नाबालिगों को उनके माता पिता या वयस्क संरक्षकों से अलग किया गया है। बीते मई से माता-पिता से अलग किए गए बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है जब अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने घोषणा की थी कि मेक्सिको से लगी अमेरिकी सीमा में गैरकानूनी रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार किया जाएगा फिर चाहे उन वयस्कों ने शरण के लिए आवेदन क्यों न कर रखा हो। चूंकि बच्चों को माता-पिता के साथ जेल में नहीं भेजा जा सकता तो उन्हें अलग कर दिया जाता है।
हुसैन ने इन गतिविधियों को ‘सरकार की मंजूरी से बाल उत्पीड़न’ करार दिया और कहा कि इससे ‘अपूरणीय क्षति’ हो सकती है। वहीं, अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने भी मेक्सिको से अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने की नीति को समाप्त करने की अपील की है। मेलानिया की प्रवक्ता ने कहा, ‘मेलानिया का मानना है कि हमें ऐसा देश बनने की जरूरत है जो सभी कानूनों का पालन करे लेकिन साथ में एक ऐसा देश भी बनना होगा, जो दिल से काम करे।’