नई दिल्ली: दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनके शरीर के कई हिस्सों पर लकवा मार गया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज जारी रखी। हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में अहम भूमिका निभाई थी।
उनके बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने इस बारे में आधिकारिक बयान जारी करके कहा, “हम पिता के जाने से बेहद दुखी हैं। वह महान वैज्ञानिक थे और असाधारण इंसान थे, जिनका काम और विरासत आने वाले सालों में भी जाना जाएगा।” उन्हें अमेरिका के सबसे उच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जा चुका है। उनकी ब्रह्मांड के रहस्यों पर किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ भी दुनिया भर में काफी मशहूर हुई थी।
हॉकिंग मूल रूप से ब्रिटेन के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एम्योट्रोपिक लेट्रल स्क्लेरोसिस नामक न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारी से पीड़ित थे। 1963 में जब वह 21 साल के थे, तभी उन्हें यह बीमारी ने अपना शिकार बना लिया था। हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में आठ जनवरी 1942 में हुआ था। सेंट एल्बन में वह और उनके छोटे भाई-बहन पले-बढ़े।