मॉस्को: रूस ने सीरिया में आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ हमले तेज कर दिए है। रूस ने सीरिया में ISIS के ठिकानों पर सबमरीन से कैलिबर क्रूज़ मिसाइलें दागी हैं। ये हमला 2400 किमी.की दूरी से भूमध्य सागर से किया गया। कैलिबर क्रूज़ मिसाइल को रूस की पनडुब्बी 'रोस्तो वॉन डॉन' से दागा गया।
मिसाइल हमले की तस्वीर को रूस के रक्षा मंत्रालय ने जारी किया है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने बताया कि क्रूज मिसाइल सीरिया के रक्का शहर में स्थित ISIS के 2 बड़े ठिकानों को निशाना बनाकर दागी गईं, जिसमें आईएस के कई ठिकाने, हथियार, और तेल टैंकर बर्बाद हो गए।
आईएसआईएस पर कैलिबर क्रूज मिसाइल से हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन ने कहा कि हमें आईएसआईएस के खिलाफ एटमी हमला करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम अब उन हथियारों को जान चुके हैं, जो एटमी हैं और जिन्हें पुराने और स्पेशल वॉरहेड के साथ छोड़ा जा सकता है। जाहिर है आतंकियों के खिलाफ लड़ाई में इनकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उम्मीद है कि हमें इनके (ISIS) खिलाफ मिसाइल्स को न्युक्लियर वॉरहेड्स से लैस करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आखिर रूस ने भूमध्य सागर में क्रूजर मिसाइलें क्यों भेजी हैं?
दरअसल, आतंकी संगठन आईएसआईएस पर हमलों के अलावा रूस ने तुर्की से निपटने के लिए ये क्रूजर मिसाइलें तैनात की हैं। आपको बता दें कि पिछले महीने तुर्की ने रसियन फाइटर जेट सुखोई SU-24 को मार गिराया था। अब इस इलाके में मिसाइल क्रूजर की तैनाती होने से तुर्की रशियन एयरफोर्स के खिलाफ आसानी से कार्रवाई नहीं कर पाएगा। अगर तुर्की रशियन एयरफोर्स को रोकने की कोशिश करता है, तो रूस का मिसाइल क्रूजर एक्शन में आएगा। वो रशियन फाइटर प्लेनों को कवर देगा। साथ ही सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में शामिल जेट प्लेनों को भी इस क्रूजर से सुरक्षा कवर मिलेगा।
वहीं सीरिया में रूस के इस हमले के बाद अमेरिका समेत उसके कई सहयोगियों ने आरोप लगाया है कि रूस की सेना आईएस के नाम पर सीरिया में उन गुटों को भी निशाना बना रही है, जो राष्ट्रपति बशर असद के खिलाफ हैं।
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